5 सितंबर 2012

शिक्षक


 जो शिक्षित करता, हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं।
जो दीक्षित करता, हम उसको, शिक्षक कह सकते है।
दिशा दिखाये, दे दृष्‍टांत, आगाह करे, अपनाये,
प्रतिरक्षित करता, हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं।
दे कर अक्षर ज्ञान चढ़ाये, शिक्षा के सोपान।
अनुशासन, जीवन संस्‍कृति का, देता जो संज्ञान।
धर्म, कर्म, सौहार्द प्रेम का, देता है जो ज्ञान।
परिमार्जित करता, हम उसको, शिक्षक कह सकते है
युगों-युगों से चली आ रही, हैं जो परम्‍परायें।
प्रलय प्रभंजन से ले कर, अवतारों की गाथायें।
लिख जाये परिवर्तन की, आधारभूत रचनायें।
परिवर्धित करता, हम उसको, शिक्षक कह सकते है
 सौर जगत् का शिरोधार्य, पारसमणि है ज्‍यूँ दिनकर।
जीव जगत् का अहोभाग्‍य, मानव मणि है इस भू पर।
श्री गणेश करते महाआशुलिपिक का, सब पूजन कर।
अभिमंत्रित करता, हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं
गुरु की महिमा अपरंपार, बखानी है ग्रंथों ने।
हरि, मुनि, असुर, देव, दानव, ज्ञानी, समस्‍त पंथों ने।
क्‍या पुराण, क्‍या वेद शास्‍त्र के, रचयिता संतो ने।
स्‍थापित करता, हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं
(शिक्षक दिवस पर)

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