24 अगस्त 2013

देश मेरा खुशहाल है

जोश अभी भी नहीं हुआ कम
देश मेरा खुशहाल है।

भ्रष्‍टाचारी दलदल में भी
कमल खिल रहे देश में
आम आदमी मेहनतकश है
खास जी रहे ऐश में
सबको खुश करते ही उमरिया
हुई छियासठ साल है।

आदर्शों की गठरी ले कर
खड़ा कबीर बजार में
बापू के बंदर भी दिखते
भीड़ भरी कतार में
बीज संस्‍कृति का रोपा जो
बना वो वृक्ष तमाल है।


हवा चले कितनी कैसी भी
फहरायेगा शान से
ध्‍वज मेरे भारत का हरदम
जन गण मन के गान से
सत्‍यमेव जयते ब्रह्मास्‍त्र
वंदेमातरम् ढाल है।