21 सितंबर 2017

सजे माँ का दरबार (गीतिका)

छंद-शक्ति
मापनी- 122 122 122 12
पदांत- भी
समांत- आत

सजे माँ का दरबार नवरात भी.
चढ़े माँ का' चोला व बारात भी.

करें आरती रोज हो जागरण,
सजे फूल माला जवा(ह)रात भी.

मनायें सभी माँ को' परिवार सँग,
करायें भँडारे दें' सौगात भी.

दशैरा दिवाली मनाएँ पुन:,
दहन हो दशानन कोदें मात भी.

करें फिर सेस्वागत नये साल का,
नई जिंदगी की होशुरुआत भी.

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