27 अक्तूबर 2017

परस्‍पर प्‍यार फैलाओ (गीतिका)



छंद- विजात- 
मापनी- 1222 1222

जमाने से न टकराओ.
नहीं बेकार बल खाओ.

न बदलेगी कभी दुनिया 
बदल क्यों न तुम्हीं जाओ.

नहीं तुमसे जमाना है
स्‍वयं के मन को समझाओ

न उलझो झंझटों में तुम
प्रभू में मन को उलझाओ 

मिलेगी राह सच्‍ची यदि
परस्‍पर प्यार फैलाओ.
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