6 मई 2018

सद्बुद्धि देना, हमें भक्ति देना (गीतिका)


मापनी- 221 221 221 22
पदांत- देना
समांत-अक्ति

सद्बुद्धि देना, हमें शक्ति देना,
भजते रहें हम तुम्‍हें भक्ति‍ देना.

ईश्‍वर तेरी हैं शरण हम न भूलें,
तेरी कृपा हो सहज (मुक्ति) देना.

तुझसे विमुख हों न, नास्तिक नहीं हो .
ऐसा न कोई हमें व्‍यक्ति देना.

देखूँ सभी को प्रकृति की है’ रचना,
स्‍नेहिल भरी आत्‍म अभिव्‍यक्ति देना.

सुंदर जगत् है असुंदर न हो बस
ऐसी अटल आज अविभक्ति देना.

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