15 जून 2018

गोकुल सूना हो गया है (गीतिका)


कान्हा जब से' गये, गोकुल, सुनसान, हो गया है.
न जाने, है कौन, जिस पर, मेहरबान, हो गया है.

दिन रात, देखते हैं, पथ, कोई खबर न, आहट,
न जाने, किस घर, नगर में, मेहमान, हो गया है.

यादें हीतो, बची हैं अब, बिखरी, जहाँ-तहाँ पर,
मनमोहना, कहाँ तू, अंतर्धान, हो गया है.

दिन-रात, बीतते, हैं अब, स्मृतियों के’, खण्डहर में
वृंदावन भीअब तभी से, बियाबान, हो गया है.

मौसम के जैसे, वे दिन, आयेंगे, लौट के’, क्या,
भाता न, गीत है अब, अरण्यगान, हो गया है.

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