16 जून 2010

मुझे पता चला है

मेरे सिद्धांत, परम्परा, प्रतिष्ठा,
अनुशासन, डिस्टेंकस मेंटेन से
मेरे बच्चे आज स्थापित हो गये।
कब वे बड़े हुए
कब वे समझदार हो गये
कब मेरी बेटी की शादी हो गयी
वह विदेश चली गयी
कब बेटा मेडिकल की पढ़ाई करने
विदेश चला गया
बेटी को गये आज सात साल हो गये
बेटे का मेडिकल शिक्षा का पाँचवा साल है
कब बचपन किशोर वय को लाँघ कर
यौवन की दहलीज चढ़ गया
बच्ची दो बच्चों की माँ बन गई
बच्चे की मुलायम दाढ़ी-मूँछे उग आईं
मैंने उन्हें बढ़ते ही नहीं देखा
मैंने उन्हें स्थापित होते देखा है।
'श्री' कहती है आज आपके
डिस्टेंस मेंटेन से दोनों इतने दूरस्थ हैं
सिद्धांतों के कारण अनुशासन से बँधे रहे
परम्पराओं में उनकी अटूट आस्था है
वे मेरे माध्यम से आपसे आज भी जुड़े हुए हैं
आपके लिए उनके मन में जो प्रतिष्ठा है
यह उसी का परिणाम है
आज आपके सिद्धांत, परम्परा और अनुशासन सिद्ध हो गये।
ये मैं नहीं कहती, वे कहते हैं जो
आपका स्वाभिमान हैं
आपको फादर्स-डे पर उनकी यह भावना
उन्होंने बताई है मुझे।
वे उड़ कर आ रहे हैं
मुझसे मिलने।
मैं कहाँ था कठोर
वो तो सब कहते रहते हैं
मैं तो उम्र दर उम्र पिघलता ही रहा हूँ
और पिघल जाऊँगा
उस सिद्ध कुम्‍भ का अमृत पीने के लिए।

फादर्स डे पर -आकुल