31 जनवरी 2024

नारी पर सदा ही गर्व हो

गीतिका

छन्‍द- शृंगार 
विधान- प्रति चरण मात्रा 16, आरंभ गुरु से व  अंत लघु गुरु/ रगण (212)
पदांत- हो
समांत- अर्व

मुक्‍तक-लोक चित्र मंथन 504
लोकोत्सव त्योहार सर्व हो।
नारी बिन असम्भव पर्व हो।1

जीवित संस्कार सब आज हैं,

नारी से ही सदा अथर्व हो।2

हर रिश्तों में आज भी मिले,

चाहे गैर, निज, गंधर्व हो।3

कदापि नहीं मानी हार है,

पिलती रही प्रकाश-शर्व हो।4

आई युगों से है झेलती,

कष्ट, हर्ष, मर्द या दर्व हो।5

अब तो 'आकुलइसे त्राण दें ,

नारी पर बस सदा गर्व हो।6

1. अथर्व- श्रीगणेश 2. शर्व- अंधकार 3. दर्व- राक्षस, आततायी।

26 जनवरी 2024

है अभिनन्दन हिन्दुस्तान

गीत (छंद- चौपई)

है अभिनन्दन हिन्दुस्तान।
मेरा अभिनव हिन्‍दुस्‍तान।

मने हीरक जयंती वर्ष,
राष्ट्रीय गणतंत्र विधान,
गौरवान्वित भारत समग्र
नवोन्मेषीय अभ्युत्थान।
मेरा अभिनव हिन्‍दुस्‍तान।
है अभिनन्दन हिन्दुस्तान ।।

कन्याकुमारि से कश्मीर,
रामलला का जन्मस्थान।
सम्‍प्रभुता विकास बिन्दु,
वंदेभारत हो गुणगान।
मेरा अभिनव हिन्‍दुस्‍तान।
है अभिनन्दन हिन्दुस्तान ।।

कण कण इसका भारत रत्न,
हमको इस पर है अभिमान।
कीर्तिमान बनते हैं नित्‍य,
मेरा भारतवर्ष महान्।
मेरा अभिनव हिन्‍दुस्‍तान।
है अभिनन्दन हिन्दुस्तान ।।

सर्वधर्म समभाव प्रणीत,
याेग और सहयोग प्रधाना।
आकुल का वंदन साष्टांग,
आज राष्‍ट्र है शतावधान।
मेरा अभिनव हिन्‍दुस्‍तान।
है अभिनन्दन हिन्दुस्तान ।।

जयंती वर्ष- 30वें वर्ष के लिए मुक्‍ता जयंती, 35 वें वर्ष के लिए मूंगा जयंती, 40 वे वर्ष के लिएरूबी जयंती, 45वें वर्ष  के लिए नीलम जयंती, 50 वर्ष के लिए स्‍वर्ण जयंती, 60वें और 75वें वर्ष लिए हीरक जयंती, 65वें वर्ष के लिए नीलम जयंती, 70वें वर्ष केलिए प्लैटिनम जयंती और अंत में 80वें वर्ष के लिए ओक जयंती मनायी जाती है वर्तमान में 90वीं वर्षगांठ का कोई नाम नहीं है, शायद एक दिन ऐसा हो !





22 जनवरी 2024

जै जै श्रीराम

गीत

हुआ राम मय देश हमारा।
गूँँजेगा अब घर-घर सारा।
बोलो हाथ उठा कर सारे, राघव राजा राम।
जय श्रीराम जै जै श्रीराम। 

सुबह से ही सजी हुई है
दीपमालिका दीपाधार
रंग बिरंगी लटक रही
झालर, लटकन, वंदनवार ।
दीप चंद्रिका चमकेगी भू पर होते ही शाम।
जय श्रीराम जै जै श्रीराम ।

राम लला की अगवानी में
दूर दूर से आए लोग,
अपनी श्रद्धा से सब लाए
आज लगेगा छप्‍पन भोग
सौभाग्‍य कि देख सकेंगे सब मुखचन्‍द्र सलोने राम।
,जय श्रीराम जै जै श्रीराम। 

सजी अयोध्‍या नगरी सारी
सरयू नदी हुई बलिहारी
पथ-पथ सजी हुई रंगोली
खेलेंगे फूलों से होली
हुआ आगमन राम लला का आज अयोध्‍या धाम।
जय श्रीराम जै जै श्रीराम।


21 जनवरी 2024

प्रभु राम रखो मन सारे

गीतिका

छन्‍द- कीर्ति (वार्णिक)

पदान्‍त- सारे
समान्‍त- अन 

हरि ओम भजो जन सारे ।

जब जीवन नश्‍वर प्राणी,

तब त्‍याग प्रयोजन सारे ।

अधि लालच मोह  न अच्‍छा

कम हों भव बंधन सारे ।

मनभेद करे तन मैला,

बस स्‍वच्‍छ रखो तन सारे ।        

वसुधैवकुटुम्‍ब बनाओ,   

धनवान-अकिंचन सारे ।    

सब ‘आकुल’ की सुन लो तो

तय जीवन रोशन सारे ।

8 जनवरी 2024

जब से सुना शोर बच्‍चों का

सर्दी के मौसम को दुबके, हर प्राणी ने झेला है ।
जब से सुना शोर बच्‍चों का, मन ने उसे धकेला है।  
जब से सुना शोर बच्‍चों का.....

बच्चे ही हैं जिनको मौसम, कभी हरा ना पाएगा,

होड़ मची है तरह तरह की हर कोई लहराएगा,
आज पतंगों का जो आया, अब मौसम अलबेला है
जब से सुना शोर बच्‍चों का.....

राह बदलने की तैयारी, सूरज ने है तय कर लीं,

चुना उत्‍तरायण का पथ अब, वल्‍गाएँ रथ की मचलीं, 
मौसम को आगाह किया सुन नए साल का हेला है।
जब से सुना शोर बच्‍चों का.....

ली अँगड़ाई जीवन ने यह पर्व अनोखा बच्चों का,

वो मारा, वो काटा सुन, दिल धड़का अच्‍छे-अच्‍छों का,
भरा हुआ आकाश पतंगों, से जैसे इक मेला है ।
जब से सुना शोर बच्‍चों का.....

फूली सरसों खेत लहलहाए, जन जीवन हर्षाया,

भुनगों ने की मस्‍ती संग पवन ने भी जग महकाया,
धरा हुई अब रंग बिरंगी पर्व यह नया नवेला है। 
जब से सुना शोर बच्‍चों का.....

गजक, रेवड़ी, तिल-पपड़ी की है बहार बाजारों में,

दान धर्म, स्‍नान नदी में है अब भी हैं संस्‍कारों में,
पुण्‍य कमा थोड़ा जीवन तो चला चली का खेला है।
जब से सुना शोर बच्‍चों का.....

लिए हौसला चले लिए बच्चे सब डोर पतंगों को ।

कोई छेड़े नहीं हौसलें दें निष्‍पाप उमंगों को।
मौसम ने भी देखा आगे, अब बसंत की बेला है ।
जब से सुना शोर बच्‍चों का.....