पदांत- संदेश
समांत- आयें
चलो प्रेम का, दूर क्षितिज तक, पहुँचायें संदेश.
अमन चैन का, अंतरिक्ष पर फैलायें संदेश.
नहीं प्रेम सा, कोई मरहम, नहीं प्रीत सी छाँव,
चलो ओम् का, शंख फूँक कर, गुंजायें संदेश.
हृदय स्वच्छ निर्मल हो, जीवन छल प्रपंच से दूर,
चलो नेह के, अंतस् तल पर, बरसायें संदेश.
सभी धर्म-संस्कृति की रक्षा, करें प्रेम नि:स्वार्थ,
चलो धर्म संस्थापनार्थाय, सिखलायें संदेश.
अखिल ब्रह्म हो प्रेममय, ये कहें मर्म बेलून,
चलो दूर, नभ से ब्रह्म-मुहूर्त, कह जायें संदेश
समांत- आयें
चलो प्रेम का, दूर क्षितिज तक, पहुँचायें संदेश.
अमन चैन का, अंतरिक्ष पर फैलायें संदेश.
नहीं प्रेम सा, कोई मरहम, नहीं प्रीत सी छाँव,
चलो ओम् का, शंख फूँक कर, गुंजायें संदेश.
हृदय स्वच्छ निर्मल हो, जीवन छल प्रपंच से दूर,
चलो नेह के, अंतस् तल पर, बरसायें संदेश.
सभी धर्म-संस्कृति की रक्षा, करें प्रेम नि:स्वार्थ,
चलो धर्म संस्थापनार्थाय, सिखलायें संदेश.
अखिल ब्रह्म हो प्रेममय, ये कहें मर्म बेलून,
चलो दूर, नभ से ब्रह्म-मुहूर्त, कह जायें संदेश
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