कोटा। 2013 में निर्मित यह अद्भुत कथा उकेरी है नये कोटा शहर के महावीर नगर के समीप चौराहे पर जिसे आज कोई कर्ण चौराहा या कोई घटोत्कच चौराहा कहता है। इस चौराहे समीप है महावीर नगर थाना,
मेडिकल कॉलेज और नया सरकारी अस्पताल, अग्निशमन केंद्र, महर्षि गौतम सामुदायिक भवन,
सरस डेयरी, पूरे शहर को पानी की आपूर्ति करने वाला अकेलगढ़ और उसके समीप राजस्थान की एकमात्र तकनीकी यूनिवर्सिटी
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा
कई धार्मिक स्थल जैसे
खड़े गणेशजी मंदिर , प्राचीन शिवालय रंगबाड़ी, बाँके बिहारीजी का मंदिर, नई कॉलोनी श्रीनाथपुरम्, आर0 के0 पुरम्, महावीर नगर-2, महावीर नगर-3, महावीर नगर विस्तार योजना, ट्रांसपोर्ट नगर,
एलेन कोचिंग सेंटर्स
पंड्या ग्रुप का सिटी मॉल, भामाशाह मंडी आदि ओर राजपथ 12, जहाँ स्थित है वॉलमार्ट का बेस्ट प्राइज़,
आइये इस अद्भुत कारीगरी के बारे में बतायें- यह महाभारत के युद्ध में कर्ण और घटोत्कच के मध्य हुए युद्ध का दृश्य है। महाभारत के चौदहवें दिन की रत्रि का यह युद्ध भीषण युद्ध था। कर्ण को रात्रि युद्ध का अभ्यास था और भीम-हिडम्बा पुत्र घटोत्कच तो राक्षसकुल नरेश था इसलिए उसे तो रात्रि में छद्म युद्ध रास आता था। रात्रि में इस युद्ध में थकी हारी कौरव सेना त्राहि त्राहि कर रही थी, कौरव सेना गाजर मूली की तरह कट रही थी, कहीं आग बरस रही थी, कहीं पाषाण गिर रहे थे, घटोत्कच का विकराल काल युद्ध से कौरव सेना के सैंकड़ों सैनिक हताहत और सैंकड़ों शिविर ध्वस्त हो गये थे। दुर्योधन द्वारा कर्ण से विनती की गई कि घटोत्कच को मार कर युद्ध को विश्राम दे। अनेको शक्तियों का प्रयोग करने के बाद भी घटोत्कच नहीं मर रहा था। ऐसे में दुर्योधन ने कर्ण से इन्द्र प्रदत्त दिव्यशक्ति का ध्यान दिलाया। कर्ण ने कहा- 'नहीं दुर्योधन, वह शक्ति मैंने अर्जुन के लिए सँभाल कर रखी है। दुर्योधन ने तब कहा था- जब सारी कौरव सेना खत्म हो जायेगी तो क्या होगा---इस राक्षस से मुक्त करो सेना को। दुर्योधन के बार-बार विनती करने पर आखिर कर्ण को उस दिव्यशक्ति का प्रयोग करना पड़ा। जिस समय घटोत्कच आकाश मार्ग से सीधे उसके जैत्ररथ अश्वों के मस्तक पर कूदा, रथ उछल गया, कर्ण को सम्हलने का मौका मिलता घटोत्कच का विशाल भाला कर्ण की ओर बढ़ा। तभी तुरंत पवन वेग से कर्ण ने दिव्यशक्ति को स्मरण कर मंत्रोच्चारण किया और धनुष की प्रत्यंचा पर वह दिव्य शक्ति धारण कर तत्क्षण छोड़ दी। मेघगर्जन के साथ साँड की तरह डकराया और वह चिंघाड़ते हुए आकाश मार्ग पर दूर तक उछला और समरक्षेत्र में सैंकड़ों हताहत सैनिकों पर गिर कर ढेर हो गया।
तभी पंद्रहवें दिन का सूर्य उदित हो रहा था, किंतु कौरवों का सूर्य अस्त हो रहा था। घटोत्कच ने युद्ध में प्राण दे कर पाण्डवों की जीत निश्चित कर दी थी।
कर्ण घटोत्कच का निर्णायक युद्ध जिसे महाभारत का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है। यह एक मात्र रात्रि युद्ध था, जो कर्ण और घटोत्कच के मध्य हुआ था। कर्ण अब दिव्यशक्ति विहीन था। अब अर्जुन को मारने का उसका वचन पूर्ण होना संभव नहीं था। और वही हुआ। कर्ण भी अर्जुन के हाथों मारा गया। हाँ उसका एक वचन अवश्य पूर्ण हुआ, उसने माता कुंती को वचन दिया था कि अर्जुन और मुझमें से जो मरेगा, तुम्हें तुम्हारे पाँच पांडव जरूर मिल जायेंगे। कर्ण के मरते ही युद्ध लगभग खत्म हो चुका था। दुर्योधन की जंघा चूर चूर कर भीम ने अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण की। यह महाभारतीय घटना को जीवंत करती कलाकृति भारत में केवल कोटा में ही है। भारत से बाहर यह कलाकृति इंडोनेशिया में है, ऐसा बताया जाता है।
कोटा में अवतरित दुनिया के सात आश्चर्य
कोटा। 2013 में ही दुनिया के सात आश्चर्यों को जैसे कोटा में जीवंत कर दिया। ये दुनिया के सात आश्चर्य कोटा देश में एक मात्र स्थान हैं जहाँ सात आश्चर्यों को स्थापित किया गया है।
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कोटा में रोम के कोलोज़ियम का प्रतिरूप |
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रोम का कोलोसियम प्राचीन रोम का यह थियेटर वहाँ खेलों के लिए प्रख्यात था। यहाँ बंदी योद्धाओं को एक दूसरे से लड़ाया जाता था और हारने वाले को मार डाला जाता था।
प्राचीन रोम के इतिहास में इसकी झलक देखिये। इस पर ऑस्कर अवार्ड हॉलिवुड फिल्म
'ग्लेडिएटर' बनी है। यह आज वर्ल्ड हेरिटेज मोन्यूमेंट के अंतर्गत संरक्षित है।
कोटा में इसका स्वरूप उस प्राचीन खेल मैदान की याद दिलाता है।
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कोटा में पीसा की झुकी मीनार |
2- पीसा की झुकी हुई मीनार- 1173-1372 ईस्वी के मध्य बनी पीसा की झुकी हुई मीनार आरंभ में 5.5 डिग्री झुकी हुई थी, किन्तु आज यह 3.9 डिग्री झुकी हुई है। वास्तुकला के इस बेजोड़ इमारत विश्व धरोहर के अंतर्गत संरक्षित है, जिसमें 300 सीढ़ियाँ हैं और इस इमारत पर ऊपरी मंजिल तक टूरिस्ट घूम भी सकते हैं। विश्व में सबसे ज्यादा प्राचीन धरोहर वाली रिहायशी इमारतों का देश है इटली, जिसके रेस्तरां, होटल, रिहायशी घर आश्चर्य में डाल देते हैं। घूमिए इटली में पीसा । और कोटा में 2013 में इस वास्तुकला के बेजोड़ नमूने का जीवंत रूप दिया गया, दुनिया के सात आकर्षक आश्चयों में से एक पीसा की इस झुकी मीनार भी बनी हुई है।
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कोटा में क्राइस्ट दि रिडीमर |
3- जीसस क्राइस्ट- (Christ the redeemer)- ब्राजील में रियो डि जेनेरियो स्थित क्राइस्ट दि रेडीमर दुनिया की सबसे बड़ी प्रभु यीशु की मूर्ति थी (98ft) जिसमें मूर्ति का नीचे का पेडस्टल (स्तम्भ) (26 ft.) शामिल नहीं है, जिसे सबसे ज्यादा मतों के कारण दुनिया के सात आश्चर्यों में शामिल किया गया, किन्तु आज बोलिविया की यीशू की शांति वाली मूर्ति अब उससे भी बड़ी मूर्ति है(108ft), किंतु सुंदरता में ब्राजील की क्राइस्ट की मूर्ति का कोई जवाब नहीं। और कोटा में इस की प्रतिकृति ने विदेशी दर्शकों को भी यहाँ आने को आकर्षित किया है।
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कोटा में एफिल टॉवर |
4- एफिल टॉवर- फ्रांस के पेरिस में सीन नदी के तट पर बना यह वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है। यह 1887-89 में बना 324 फीट ऊँचा पूरी तरह से लोहे का बना हुआ है। विश्व में टिकिट ले कर सबसे ज्यादा पर्यटकों द्वारा देखा जाने वाला मानव निर्मित यह वास्तुकला का सबसे अनुपम पर्यटन स्थल हैं, जिसमें अनेको रेस्टोरेंट और सबसे ऊपर की मंजिल तक जाने के लिए मार्ग बना हुआ है। सबसे ऊपर इस टॉवर के निर्माता इंजीनियर गुस्ताव एफिल का कार्यालय हैं और वहाँ उस समय की वस्तुएँ, लाइब्रेरी और उनकी मोम की मूर्ति भी बनी हुई है। उसके ऊपर विभिन्न एंटेना दूरदर्शन आदि स्थापित हैं, पर वहाँ पर्यटकों जाना निषेध है। भारत में इसकी प्रतिकृति 2013 में बनाई गई, जो भी पूरी तरह लोहे की बनी हुई है। यह प्रतिकृति यहाँ बनाये गये दुनिया के अन्य आश्चर्यों के साथ बनी हुई है।
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कोटा में पिरामिड की प्रतिकृति |
5- गीजा का महान पिरामिड- प्राचीन सात आश्चर्यों में गीजा के पिरामिड शुमार थे। वर्तमान में एक मात्र सबसे प्राचीन पिरामिड संरक्षित रखा है। शेष के लगभग अवशेष ही शेष हैं। यह ईसा से 2560 वर्ष पूर्व बनाये गये थे। यह पिरामिड इजिप्ट के राजा खूफू का है तथा तीन अन्य उनकी पत्नियों के जो नील नदी के समीप ही बने हुए थे।
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कोटा में स्टेचू ऑफ लिबर्टी |
6- स्टेचू ऑफ लिबर्टी- रोमन देवी लिबरटाज़ की प्रतीक चिह्न के रूप में अमेरिकी के स्वतंत्रता का आइकन और विदेशियों के अमेरिका में प्रवेश करने पर उनका स्वागत करते हुए चिह्न के रूप में जानी जाती है। यह मूर्ति अमेरिका के मेनहट्टन के लिबर्टी आइलेंड पर स्थित है। अमेरिका और यूरोप के सर्वाधिक पर्यटकों का यह सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। सांस्कृतिक धरोहर के रूप में यूनेस्को ने इसे 1984 में अधिगृहीत कर लिया था। कोटा में इसकी प्रतिकृति 2013 में सेवन वंडर्स पार्क में बनाई गई।
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कोटा में ताजमहल |
7-ताजमहल- विश्व के सात आश्चर्यों में आगरा का ताजमहल अपना अहम स्थान रखता है। मुगलशासक शाहजहाँ की तीसरी बेगम मुमताजमहल की याद में (1632-1653) बनाया गया यह मकबरा विश्व में अपनी संगमरमरी कलात्मकता के लिए प्रख्यात है। 2007 में घोषित हुए दुनिया के सात आश्चर्यों में इसका शुमार किया गया। यूनेस्को की विश्व धरोहर में यह संरक्षित है। घूमिये आगरा । कोटा में यह प्रतिकृति 2013 में बन कर तैयार हुई, जिसे सेवन वंडर्स पार्क में स्थापित किया गया है।
क्या आप बता सकते है कोटा में पंख फैलाए गरुड़ की खूबसूरत प्रतिमा कंहा है?
जवाब देंहटाएंआदरणीय कोटा में एयरोड्रम सर्किल पर पहले गरुड़ की प्रतिमा थी, जिसे बाद में हटा दिया गया. आज यहाँ चार खम्बे हैं और बीच में गगनचुंबी फव्वारे की व्यवस्था की गई है, जो संध्या समय रोशनी में विभिन्न रंगों में बदलते हुए बहुत ही मनोरम दिखाई देता है।
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