2 अक्तूबर 2022

अनहद दीप उजास देखने लायक हो

अनहद दीप उजास देखने लायक हो 
हर पथ पर उत्‍साह
देखने लायक हो

पहले होंगे घर-आँगन-दर सब रँग रोगन
पकवानों से होंगे दिन प्रतिदिन अब भोजन
पास-पड़ौस-घरों के बच्चों के हाथों में
फुलझ‍ड़ि‍यों से होंगे घर, बाहर पथ रोशन
सबका जोश हुलास
देखने लायक हो

टिम-टिम फुलबतियों से रातें जगमग होंगी
बाजारों में चहल-पहल अब दिन भर होंगी 
शोर, पटाखे, मेहमानों की आवा-जाही
धूम यही फिर देवदिवाली पर भी होंगी
चहुँ-दिश वाग्वि‍लास
देखने लायक हो

फुलझड़ि‍याँ, चकरी,अनार के दीवाने ये
बड़े पटाखों से डरते हैं अनजाने ये
बच्चों को दुखदर्दों, मसलों से क्या लेना
शोर मचाते घूमें इत-उत परवाने ये
बच्चों का उल्लास
देखने लायक हो
( अनुभूति अक्‍टूबर के दीपावली विशेषांक में प्रकाशित गीत )