11 अगस्त 2015

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ




चलो साथियो मिल के घर घर इक अभियान चलायें ।
बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।

माँ की गोद हरी हो जब बेटी से सब कहते हैं।
लक्ष्‍मी सुख समृ‍द्धि ले कर आई है सब कहते हैं।
कुल कुटुम्‍ब का मान बढ़ाती इसका मान बढ़ायें।
बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।

भेद भाव ना कभी करें बेटी-बेटे होने पर।
सभी बनेंगे घर बगिया के फूल बड़े होने पर।
मात-पिता ही भाग्‍य बनाते उनको ध्‍यान करायेंं
बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।
बेटी से होती है हर रिश्‍ते की एक अहमियत।
बेटी से ही बहिन, बहू, माँ की इक अहम हैसियत।
बिन बेटी के इस सुख से घर है सुनसान बतायें।
बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।

बिन बेटी के ना हो पाते घर में कई व्‍यवहार।
नहिं हो पाते राखी भैया दौज कई त्‍योहार।
घर की शोभा है बेटी बहिना यह ज्ञान करायें।
बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।
इसे बचाओ, इसे पढ़ाओ, बेटी को हर सुख दो।
है भविष्‍य की बागडोर इससे इसको ना दुख दो।
देगी वह आशीष बढ़ायेगी कुल परम्‍परायेंं।
बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।

बेटी बाबुल का गहना ससुराल की शान शराफत।
दोनों घर की लाज निभाये, करती सदा हिफ़ाज़त।
बेटी है नारी शक्ति का प्रथम सोपान बतायें।
बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।

चलो साथियो मिल के घर घर इक अभियान चलायें ।
बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।

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