छंद- चौपाई
पदांत- बना, समांत- अर
शिखर चढ़ाए, प्रखर बनाए ।
जीवन को जो अमर बनाए ।
योग ध्यान व्यायाम ज्ञान से,
तन मन को जो बजर बनाए ।
शब्द ब्रह्म से, नाद ब्रह्म से,
हर संभव हो निडर बनाए ।
करता संस्कारित,अनुशासित,
तपा निरंतर, असर बनाए ।
करे प्रशस्त सेवार्थ शिष्य को,
अपनी स्वर्णिम डगर बनाए ।
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