शिक्षा ऐसी हो हमको संस्कार सिखाए।
’विद्या ददाति विनयम्’ हमें विनम्र बनाए।
’नीर-क्षीर-विवेक’, न्याय की महिमा गाए।
’वसुधैवकुटुम्ब्कम्’ का हमको सन्मार्ग दिखाए।।
शिक्षा ऐसी हो-------------'
मात-पिता-गुरु-बंधु-बांधवों से पोषित हो।
नारी-वृद्ध-असहाय कहीं भी ना शोषित हो।
मनु की दुनिया में मानव फिर परिभाषित हो।
'सर्वधर्म समभाव’, प्रेम का पाठ पढ़ाए।।
शिक्षा ऐसी हो---------------'
ब्रह्मा-विष्णु-महेश सी हों राज व्यवस्थायें।
कर्मक्षेत्र में कभी न पनपें महत्वाकांक्षाएँ।
धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, अध्यात्म परम्पराएँ।
’सर्वेभवन्तु सुखिन:’का जो मर्म बताए।।
शिक्षा ऐसी हो----------------'
वृक्षारोपण,स्वच्छ धरा और हरित आभूषण।
जनजाग्रति,जनसंख्या घटे और छटे प्रदूषण।
सर्वशिक्षा अभियान, प्रकृति से प्रेम आकर्षण।
राष्ट्रविकास के लिए जो तन-मन-धन बिसराये।।
शिक्षा ऐसी हो-------------------'
वेद-पुराण-गीता-कुरान प्रकाश फैलाएँ।
'अतिथि देवोभव’ संस्कृति की हवा बहाएँ।
'भारत मेरा है महान्’ जन-गण-मन गाएँ।
वीरों की भूमि है जो बलिदान सिखाए।।
शिक्षा ऐसी हो------------'
यह प्रताप भामाशाहों की गर्व भूमि है।
बापू लाल जवाहर की यह कर्म भूमि है।
वीर शिवाजी रणबाँकुरों की धर्म भूमि है।
रग-रग वीरों की गाथा रोमांच जगाए।।
शिक्षा ऐसी हो-----------------'
’विद्या ददाति विनयम्’ हमें विनम्र बनाए।
’नीर-क्षीर-विवेक’, न्याय की महिमा गाए।
’वसुधैवकुटुम्ब्कम्’ का हमको सन्मार्ग दिखाए।।
शिक्षा ऐसी हो-------------'
मात-पिता-गुरु-बंधु-बांधवों से पोषित हो।
नारी-वृद्ध-असहाय कहीं भी ना शोषित हो।
मनु की दुनिया में मानव फिर परिभाषित हो।
'सर्वधर्म समभाव’, प्रेम का पाठ पढ़ाए।।
शिक्षा ऐसी हो---------------'
ब्रह्मा-विष्णु-महेश सी हों राज व्यवस्थायें।
कर्मक्षेत्र में कभी न पनपें महत्वाकांक्षाएँ।
धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष, अध्यात्म परम्पराएँ।
’सर्वेभवन्तु सुखिन:’का जो मर्म बताए।।
शिक्षा ऐसी हो----------------'
वृक्षारोपण,स्वच्छ धरा और हरित आभूषण।
जनजाग्रति,जनसंख्या घटे और छटे प्रदूषण।
सर्वशिक्षा अभियान, प्रकृति से प्रेम आकर्षण।
राष्ट्रविकास के लिए जो तन-मन-धन बिसराये।।
शिक्षा ऐसी हो-------------------'
वेद-पुराण-गीता-कुरान प्रकाश फैलाएँ।
'अतिथि देवोभव’ संस्कृति की हवा बहाएँ।
'भारत मेरा है महान्’ जन-गण-मन गाएँ।
वीरों की भूमि है जो बलिदान सिखाए।।
शिक्षा ऐसी हो------------'
यह प्रताप भामाशाहों की गर्व भूमि है।
बापू लाल जवाहर की यह कर्म भूमि है।
वीर शिवाजी रणबाँकुरों की धर्म भूमि है।
रग-रग वीरों की गाथा रोमांच जगाए।।
शिक्षा ऐसी हो-----------------'
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