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दोस्त फ़रिश्ते होते हैं. बाक़ी सब रिश्ते होते हैं.
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9 जनवरी 2014
भोजन और भ्रमण पर एक कुण्डलिया छंद
भोजन भ्रमण बनाइये, दिनचर्या अविराम।
योग मनन चिन्तन करे, बदन नयन अभिराम।
बदन नयन अभिराम, संतुलित भोजन करिए।
घूमो सुबहो शाम, मनन और चिन्तन करिए।
कह 'आकुल' कविराय, भ्रमण से भागे जो जन।
रुग्ण वृद्ध हो शीघ्र, करे कैसा भी भोजन।।
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