तिरंगा, अपने देश की आन, बान और शान है।
अपने गौरवशाली कल की इक पहचान है।
इसका वन्दन करते हैं हम सब भारतवासी,
यह आज़ादी का परचम गणतन्त्र निशान है।
तिरंगा----------
सभी धर्म क्या मन्दिर, मस्जिद क्या गुरुद्वारे।
संत, विधायक, सांसद, नेतागण क्या सारे।
शीश झुकाते हैं इसको सब भारतवासी,
नीलगगन, कण-कण, धरती क्या सभी सितारे।
यह ॠषि, मुनि, भरत भूमि का इक वरदान है।
अपने गौरवशाली कल की इक पहचान है।
तिरंगा----------
हरी भरी धरती हो रंग हरा कहता है।
सर्वधर्म समभाव है केसरिया कहता है।
मध्यचक्र शिक्षा देता है सजग रहें हम,
चलें शान्ति की राह श्वेत रंग यह कहता है।
अपनी कालजयी संस्कृति का यह गुणगान है।
अपने गौरवशाली कल की इक पहचान है।
तिरंगा----------
दशों दिशाएँ इसकी विरुदावली गाती है।
मलयानिल विन्ध्याचल हिमगिरि से आती है।
सुरभित पवन झकोरे सहलाते हैं परचम,
महिमा राष्ट्रीय पर्वों पर जनता गाती है।
अपना राष्ट्रीय गान और राष्ट्रगीत यशगान है।
अपने गौरवशाली कल की इक पहचान है।
तिरंगा----------
व़ीर शहीदों का यह ध्वज प्रतिदान है।
राष्ट्रीय चिह्नों मे यह प्रतीक प्रधान है।
यह अनमोल अतुल अक्षुण्ण है शिरो विभूषण,
यह भारत का उच्च शिखर सम्मान है।
राष्ट्रीय ध्वज से सुशोभित भारतवर्ष महान् है।
अपने गौरवशाली कल की इक पहचान है।
तिरंगा----------
तिरंगा, अपने देश की आन, बान और शान है।
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