छंद- रास
शिल्प
विधान- मात्रा भार 22., 8,8,6 पर यति
अंत
22 (वाचिक)
खेलो
तुम भी, सँग बच्चों की, टोली में.
खुशी
मिलेगी, तुमको छोटी, छोटी ज्यों
ढूँढ़ें
बच्चे, खुशियाँ टॉफी, गोली में.
किसको
मिलती, खुशियाँ झगड़ों, टंटों से,
मिल
जाती है, खुशियाँ मीठी, बोली में.
कुछ
खुशियों का, मोल नहीं यदि, मानो तो,
गले
मिलें जब, ईद, दिवाली, होली में.
मानवता
का, यही तकाजा, है ‘आकुल’,
खुशियाँ
उतरें, सरहद पर अब, डोली में.
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