आओ होली मनाएँ
रंगों से
उमंगों से
उपजे प्रेम
प्रसंगों से
मिल हमजोली मनायें
कर बरजोरी
चोरी चोरी
गौरी कान्हा
कान्हा गौरी
रंग गालों पे लगायें
पी कर भंग
झूमे टोली
मस्त मलंग
नाचें सबको नचायें
भूल दुश्मनी
कथनी करनी
आज सभी पे
चले कतरनी
गले लगें और लगायें
कोई न रूठें
खुशियाँ लूटें
रंगों की ही
मटकी फूटें
ऱंग बिरेंगे रंग जायें
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