मुझे हर ग़ज़ल मज़्मूअ: दीवान लगता है।
हर सफ़्हा क़िताबों का क़ुरआन लगता है।
सुना है हर मुल्क़ में बसे हैं हिन्दुस्तानी,
मुझे सारा संसार हिन्दुस्तान लगता है।
हर सफ़्हा क़िताबों का क़ुरआन लगता है।
सुना है हर मुल्क़ में बसे हैं हिन्दुस्तानी,
मुझे सारा संसार हिन्दुस्तान लगता है।
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