भारतीय साहित्य संगम उदयपुर (राजस्थान) द्वारा वर्ष 2011 के द्वितीय फेज़ में आमंत्रित की गयी रचनाओं में हाल ही में संस्थान द्वारा कोटा के जनकवि और वरिष्ठ साहित्यकार श्री रघुनाथ मिश्र की पुस्तक 'सोच ले तू किधर जा रहा है' और जनकवि गोपाल कृष्ण्ा भट्ट 'आकुल' की पुस्तक 'जीवन की गूँज' को चयन किया गया है। सचिव कुलदीप प्रियदर्शी ने अपने पत्र द्वारा सूचित किया है कि दोनों को विद्वद् निर्णायकों ने सम्मानार्थ योग्य पाया है और इन्हें 'काव्य केसरी' मानद सम्मानोपाधि के लिए चयन किया है। औपचारिकताओं के पश्चात् आगे के कार्यक्रम के लिए शीघ्र ही सूचित किया जायेगा। इस सम्मानोपाधि के लिए चयन किये जाने पर जलेस सदस्यों व शहर के अनेकों साहित्यकारों में हर्ष की लहर दौड़ गयी। रोज़ अनेकों दूरभाष और मोबाइल पर शुभकामनायें मिल रही हैं। श्री भट्ट और मिश्र ने एक दूसरे को बधाई दी। हाल ही में श्री आकुल पं0 बृज बहादुर पाण्डेय स्मृति सम्मान ले कर बहराइच से लौटे थे और श्री मिश्र को पिछले दिनों परियावाँ, प्रतापगढ़ से (उ0प्र0) साहित्यिक-सांस्कृतिक-कला संगम अकादमी द्वारा हिन्दी गरिमा 2011 मानद सम्मानोपाधि से सम्मानित किया गया था।
यह तो बहुत अच्छी ख़बर है।
जवाब देंहटाएंMubarak ho aapko.
आपका चर्चा ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर भी किया गया है।
देखें
वह कौन सा ब्लॉगर कवि है ?
आप दोनों को मेरी ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं