सान्निध्य

दोस्त फ़रिश्ते होते हैं. बाक़ी सब रिश्ते होते हैं.

लेबल

  • गीतिका (162)
  • छंद (162)
  • गीत (34)
  • मुक्‍तक (13)
  • छ्रंद (10)
  • कविता (8)
  • सम्‍मान (5)
  • गतिका (4)
  • पर्व (3)
  • आलेख (2)
  • तैलंगकुलम् (2)
  • नवगीत (2)
  • पुस्‍तकें (2)
  • समीक्षा (2)
  • हि‍न्‍दी (2)
  • काव्‍य निर्झरणी (1)
  • कुंडलिया छंद (1)
  • ग़ज़ल (1)
  • गीतिकर (1)
  • दोहा (1)
  • बालगीत (1)
  • राष्‍ट्रभाषा (1)
  • श्रद्धांजलि (1)
  • संस्मरण (1)
  • समाचार (1)
  • हि‍न्‍दुस्‍तान (1)

17 दिसंबर 2013

नवगीत की पाठशाला: ७. आया फि‍र नववर्ष



नवगीत की पाठशाला: ७. आया फि‍र नववर्ष
प्रस्तुतकर्ता आकुल पर 8:04 am
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom)

फ़ॉलोअर

मेरे पसंदीदा ब्‍लॉग्‍स एवं वेबसाइट्स

  • Sahityapedia
  • Hindi Bloggers Forum International (HBFI)
  • Blog News
  • मुक्तक-लोक Public Group | Facebook
  • अभिव्यक्ति : सुरुचि की - भारतीय साहित्य, संस्कृति, कला और दर्शन पर आधारित।
  • https://www.saannidhyasrot.blogspot.com
  • अनुभूति-कालजयी कविताओं का कांत कलेवर

आग्रह

Pictures have been used for educational and non profit activities. If any copyright is violated, kindly inform and we will promptly remove the picture. We apologize in advance!

मेरी फीडजिट

मेरे पृष्‍ठ

  • 1- मेरे प्रिय कवि और उनकी कवितायें
  • 2- मेरी लघु कथाएँ
  • 3- कृष्‍ण - एक जननायक
  • 4- 'जीवन की गूँज' लोकार्पण पर कृति परचिय, कृतिकार परिचय, वक्‍ताओं के आलेख और विचार
  • 5- 'जीवन की गूँज' से
  • 6- लघुकथा कहानी की निकटतम विधा है, उसका साररूप नहीं
  • 7- मेरा शहर 'कोटा'
  • 8. नवगीत - कुछ यक्ष प्रश्‍न और मेरे विचार
  • 9- शुद्धता और स्‍वच्‍छता के उच्‍च मानकों पर ही स्‍थापित है पुष्टिमार्गीय सम्‍प्रदाय
  • 10. सहज संवेदनशील अनुभवों का पिटारा है “अँजुरी भर सितारे”
  • 11. जीने की लालसा जगाती 'ढलती हुई धूप'
  • 12. पुस्‍तक लोकार्पण- चलो प्रेम का दूर क्षितिज तक पहुँचाएँ संदेश
  • 13. 'चलो प्रेम का दूर क्षितिज तक पहुँचाएँँ सन्‍देश' (गीतिका शतक) का समीक्षात्‍मक पुरोवाक्
  • 14. समीक्षा- जब से मन की नाव चली (नवगीत संग्रह )- आचार्य संजीव सलिल
  • 15. हौसलों ने दिए पंख (गीतिका द्विशतक ) पुरोवाक्
  • 16. राजस्‍थान राज्‍य का हिन्‍दी साहित्‍य
  • 17. अंधविश्‍वास
  • 18. समीक्षाकार श्री विजय जोशी की संक्षिप्‍त विवेचना 4 पुस्‍तकों पर
  • 19. छन्‍द और दोहा परिवार
  • 20. कुंडलिया छन्‍द विधान
  • 21. सामाजिक समरसता, राष्‍ट्रीय अस्मिता, प्राकृतिक परिवेश और मानवीय सम्‍वेदना की सार्थक प्रस्‍तुतियों का संकलन है 'प्रेम पुष्‍प'
  • 22. बाल-काव्‍य बाल-मनोविज्ञान का दर्शन है
  • 23. अंधविश्‍वास
  • 24. हिंदी दिवस के उपलक्ष्‍य पर 12 सितम्‍बर को 'इंद्रधनुष बन जाऊँ मैं' के विमोचन समारोह में 'आकुल' का वक्‍तव्‍य
  • 25. परिचय पुस्‍तक ‘इंद्रधनुष बन जाऊँ मैं’ का और अपनी बात

कितना पसंद किया जा रहा है

View My Stats

लोकप्रिय पोस्ट

  • कंधे से कंधा मिला रहीं
    गीतिका  छंद – सिंह विलोकित चार चरण सम मात्रिक छंद चरणांत लघु गुरु पदांत- रहीं समांत- इला कंधे से कंधा मिला रहीं। आसमान पे झिलमिला रहीं। जग र...
  • विश्व शांति दिवस, अहिंसा दिवस है आज
    19 सितम्‍बर 2016 को उड़ी में आतंकवादी घटना में मारे गये सैनिकों को श्रद्धांजलि देते सैनिक  विश्व शांति दिवस, अहिंसा दिवस है आज। दिल्ल...
  • समाचार
    समाचार है हमने वर्ल्‍डकप पूरा जीत लिया है सेमीफाइनल था असली वर्ल्डपकप उसमें बस वर्ल्डवकप ही तो नहीं मिला था पर जीत की खुशी वर्ल्डलकप से कम ...
  • कृष्‍ण सुदामा मिलन पर कुछ सवैये
    छंद - मत्तगयंद सवैया (वार्णिक छंद ) शिल्प विधान- 7 भगण +22 मापनी - 211 211 211 211 211 211 211 22 (उक्त छंद में गुरु के स्थान पर दो ...
  • सान्‍निध्‍य स्रोत: तैलंगकुलम् का प्रतिभा सम्‍मान समारोह 6 नवम्‍बर, 20...
    सान्‍निध्‍य स्रोत: तैलंगकुलम् का प्रतिभा सम्‍मान समारोह 6 नवम्‍बर, 20... : प्रतिभा सम्मान, विद्वज्जन अभिनन्दन, शोधशास्त्री, डा. प्रेमचन्द ग...
  • मुक्‍तक
    १ सोच ले तो कुछ नहीं, कुछ भी कर सकता है इंसाँ सोच ले तो आसमाँ में छेद भी कर सकता है इंसाँ बस वो अपनी क़ाबि‍लीयत को तस्‍मीम करे 'आकुल...
  • अंत हो
    छंद- आनंदवर्धक छंद मापनी 2122 2122 212 पदांत- हो , समांत-अंत भ्रष्टता के आचरण का , अंत हो. अभ्युदय की वांछना , अत्यंत हो. ...
  • थकता नहीं है आदमी
    भीड़ ही भीड़ है चारों तरफ है आदमी। चलता ही जा रहा है बस थकता नहीं है आदमी। वाहनों की दौड़-भाग से नहीं इसे परहेज न है इसे प्...
  • ‘आकुल’ पं0 बृज बहादुर पाण्डेय स्‍मृति‍‍ सम्मान ले कर लौटे। स्‍व0 शारदा देवी स्‍मृति‍ सम्‍मान लखनऊ की शोभा दीक्षि‍त 'भावना' को।
    बहराइच। 1 जून 2011 को बहराइच उ0प्र0 को एक भव्य समारोह में कोटा के जनवादी कवि‍ और साहि‍त्‍यकार गोपाल कृष्‍ण भट्ट ‘आकुल’ को पं0 बृज बहादुर पां...
  • हास नहीं' हो
    सुमेरु छंद में गीतिका मापनी- 1222 1222 12  पदांत - नहीं' हो समांत - आस कभी अपघात का अहसास नहीं' हो कभी प्रतिघात का उल...

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
आकुल
छंदकार। छंद साहित्‍य पर 9 पुस्‍तकों सहित अभी तक 16 पुस्‍तकें प्रकाशित। जून, 2015 में राजस्थान तकनीकी विश्‍वविद्यालय, कोटा से अनुभाग अधिकरी के पद से सेवानिवृत्त. हिंदी की सभी काव्य विधाओं को समर्पित छंद आधारित एक सशक्त फेसबुक समूह ‘मुक्तक-लोक’ में 2017 से एडमिन.
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2024 (97)
    • ►  सितंबर (3)
    • ►  अगस्त (10)
    • ►  जुलाई (14)
    • ►  जून (14)
    • ►  मई (11)
    • ►  मार्च (18)
    • ►  फ़रवरी (22)
    • ►  जनवरी (5)
  • ►  2023 (49)
    • ►  दिसंबर (2)
    • ►  नवंबर (5)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  सितंबर (1)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  जून (7)
    • ►  मई (7)
    • ►  अप्रैल (8)
    • ►  मार्च (8)
    • ►  फ़रवरी (1)
    • ►  जनवरी (8)
  • ►  2022 (75)
    • ►  दिसंबर (4)
    • ►  नवंबर (9)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  सितंबर (9)
    • ►  अगस्त (24)
    • ►  मई (1)
    • ►  अप्रैल (1)
    • ►  मार्च (5)
    • ►  फ़रवरी (13)
    • ►  जनवरी (8)
  • ►  2020 (17)
    • ►  अक्टूबर (4)
    • ►  सितंबर (5)
    • ►  अगस्त (6)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  फ़रवरी (1)
  • ►  2019 (94)
    • ►  नवंबर (1)
    • ►  सितंबर (2)
    • ►  अगस्त (4)
    • ►  जुलाई (6)
    • ►  जून (14)
    • ►  मई (17)
    • ►  अप्रैल (3)
    • ►  मार्च (13)
    • ►  फ़रवरी (10)
    • ►  जनवरी (24)
  • ►  2018 (118)
    • ►  दिसंबर (7)
    • ►  नवंबर (7)
    • ►  अक्टूबर (14)
    • ►  सितंबर (12)
    • ►  अगस्त (10)
    • ►  जुलाई (6)
    • ►  जून (8)
    • ►  मई (5)
    • ►  अप्रैल (10)
    • ►  मार्च (13)
    • ►  फ़रवरी (10)
    • ►  जनवरी (16)
  • ►  2017 (160)
    • ►  दिसंबर (15)
    • ►  नवंबर (23)
    • ►  अक्टूबर (25)
    • ►  सितंबर (18)
    • ►  अगस्त (21)
    • ►  जुलाई (15)
    • ►  जून (2)
    • ►  अप्रैल (7)
    • ►  मार्च (16)
    • ►  फ़रवरी (4)
    • ►  जनवरी (14)
  • ►  2016 (62)
    • ►  दिसंबर (3)
    • ►  नवंबर (16)
    • ►  अक्टूबर (23)
    • ►  सितंबर (11)
    • ►  अगस्त (8)
    • ►  जुलाई (1)
  • ►  2015 (22)
    • ►  सितंबर (9)
    • ►  अगस्त (4)
    • ►  जुलाई (9)
  • ►  2014 (15)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  सितंबर (3)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  जून (2)
    • ►  मई (3)
    • ►  अप्रैल (2)
    • ►  जनवरी (3)
  • ▼  2013 (40)
    • ▼  दिसंबर (6)
      • आगत का स्‍वागत करो, विगत न जाओ भूल (2 कुण्‍डलिया छंद)
      • माँ ने कभी न हिम्‍मत हारी
      • नवगीत की पाठशाला: ७. आया फि‍र नववर्ष
      • सान्‍नि‍ध्‍य सेतु: 'आकुल' के लघुकथा संग्रह 'अब राम...
      • सोचती रहती दिल्‍ली
      • नवभारत का स्‍वप्‍न सजाएँ
    • ►  नवंबर (3)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  सितंबर (1)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  जुलाई (6)
    • ►  जून (3)
    • ►  मई (5)
    • ►  अप्रैल (7)
    • ►  मार्च (4)
    • ►  जनवरी (3)
  • ►  2012 (51)
    • ►  दिसंबर (2)
    • ►  नवंबर (7)
    • ►  अक्टूबर (7)
    • ►  सितंबर (9)
    • ►  अगस्त (8)
    • ►  जुलाई (2)
    • ►  मई (3)
    • ►  मार्च (5)
    • ►  फ़रवरी (2)
    • ►  जनवरी (6)
  • ►  2011 (51)
    • ►  दिसंबर (4)
    • ►  अक्टूबर (8)
    • ►  सितंबर (11)
    • ►  अगस्त (9)
    • ►  जुलाई (5)
    • ►  जून (4)
    • ►  मई (3)
    • ►  अप्रैल (5)
    • ►  फ़रवरी (2)
  • ►  2010 (24)
    • ►  दिसंबर (3)
    • ►  नवंबर (4)
    • ►  अक्टूबर (2)
    • ►  सितंबर (1)
    • ►  अगस्त (3)
    • ►  जुलाई (2)
    • ►  जून (1)
    • ►  मई (5)
    • ►  जनवरी (3)
  • ►  2009 (1)
    • ►  जनवरी (1)

कविता कोश

कौन कौन पढ़ रहा है


widget

लेखा जोखा

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog ranking in writing

Top Blogs
Powered By Invesp
चित्र विंडो थीम. simonox के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.