1-
आगत का स्वागत करो, विगत न जाओ भूल
उसको भी सम्मान से, करो विदा दे फूल
करो विदा दे फूल, सीख लो जाते कल से
तोड़ा यह भ्रमजाल, बँधा है कल साँकल से
कह 'आकुल' कविराय, कौन बन जाय तथागत
ले कर इक संकल्प, करो आगत का स्वागत।
आगत का स्वागत करो, विगत न जाओ भूल
उसको भी सम्मान से, करो विदा दे फूल
करो विदा दे फूल, सीख लो जाते कल से
तोड़ा यह भ्रमजाल, बँधा है कल साँकल से
कह 'आकुल' कविराय, कौन बन जाय तथागत
ले कर इक संकल्प, करो आगत का स्वागत।
2-
कुछ आँसू मुसकान से, विदा करें यह साल
आये खुशियों को लिए, और नया इक साल
और नया इक साल, करें संकल्प नया कुछ
नहीं बहुत की चाह, मिले पर अल्प नया कुछ
कह 'आकुल' कविराय, वर्ष भर हो गुणगान
जीवन तो आदर्श, कुछ आँसू मुसकान।
कुछ आँसू मुसकान से, विदा करें यह साल
आये खुशियों को लिए, और नया इक साल
और नया इक साल, करें संकल्प नया कुछ
नहीं बहुत की चाह, मिले पर अल्प नया कुछ
कह 'आकुल' कविराय, वर्ष भर हो गुणगान
जीवन तो आदर्श, कुछ आँसू मुसकान।
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