गीतिका
छंद- रजनी
मापनी- 2122 2122 2122 2
पदांत- कब है
समांत- अता
मापनी- 2122 2122 2122 2
पदांत- कब है
समांत- अता
आजकल कोई किसी को टोकता कब है?
जान कर अनजान बनता बोलता कब है?
जान कर अनजान बनता बोलता कब है?
भोगना बनवास अपने भाग का है तय,
दु:ख का सुख का बयाना जोड़ता कब है?
दु:ख का सुख का बयाना जोड़ता कब है?
क्यों नहीं है धैर्य है जल्दी में' जाने क्यों,
प्यास को थोड़े समय तक रोकता कब है?
प्यास को थोड़े समय तक रोकता कब है?
क्यों बना लेता स्वयं ही धारणा कोई,
भीड़ में अपना पराया खोजता कब है?
भीड़ में अपना पराया खोजता कब है?
धड़कनें ही तो समय से तेज हैं चलतीं,
इन मुई साँसों की’ कोई सोचता कब है?
इन मुई साँसों की’ कोई सोचता कब है?
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