जीवन खुश रहना ही तो है।
जीवन दुख सहना भी तो है।।
महलों के क्या ख्वाब
देखना।
अपनों से क्या लाभ देखना।
कम से कम इतना ही हो बस,
जीवन की मुस्कान देखना।
जीवन मन भरना ही तो है।
जीवन हठ करना भी तो है।।
चंचल मन ये रुका नहीं तो
हठधर्मी यदि झुका नहीं तो
होंगे दंगे भी फसाद भी,
कर गुजरेगा चुका नहीं तो
जीवन कुछ पाना ही तो है।
जीवन कुछ खोना भी तो है।
नभ में तो पतंग भी कटतीं
मेघावलिया तक भी फटतीं
तारे टूटें अंतरिक्ष में,
मान्यताऍ बढ़तीं कम घटती
जीवन सदाचार ही तो है।
जीवन अनाचार भी तो है।।
चरम पहुँचना ध्येय नहीं हो
द्वेष, क्लेश, स्तेय नहीं
हो
परिभाषा सुख की आवश्यक,
दुख कैसा भी हेय नहीं हो।
जीवन एकाकी ही तो है।
जीवन एकांकी भी तो है।।
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