6 नवंबर 2025

राम कौन

भारतीय उच्‍चायोग लंदन की तिमाही पत्रिका 'भारत भवन' के जून 2024 के अंक में 'आकुल' के नवगीत को स्‍थान मिला 

राम कौन

राम वह 

अभिराम जो जग कर सके ।

 

अवतार कब ले जन्‍म विश्राम करें।

प्रवीण बनें कर्म आठों याम करें।

अभिशप्‍त आत्‍माओं का संहार कर,

जो भी कर्म करें वह निष्‍काम करें।

 

राम वह 

अराम में जो रम सके ।

 

भेदभाव सभी हटा सके जगत् में।

हृदय को निर्मल बना सके जगत् में।

कर सके हृदयंगम विसंगतियों को,

अतृप्‍त को संतृप्‍त कर सके जगत् में।

 

राम वह 

अविराम जो रण कर सके।  

राक्षसी प्रवृत्तियों का  दमन करे।

लुप्‍त संस्‍कृतियों का सृजन करे।

प्रसुप्त शक्तियों को दे ऊर्जस्विता,

उद्दाम उच्‍छृंखलताओं का शमन करे।

 

राम जो 

कोहराम को कम कर सके।

 

राम चेतना का हो पर्याय एक।

शान्ति संकल्‍पना का अध्‍याय एक।

प्रचण्‍ड नहीं, प्रकाण्‍ड हो मूर्द्धन्‍य वह,

जिससे न हो कभी भी अन्‍याय एक।


राम जो 

स्‍थापित धर्म कर सके।

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