12/02/2024
से 16/02/2024 तक पॉंच दिन चले संभाग स्तरीय साहित्य कुंभ का आयोजन 65 सत्रों
में कोटा में पहली बार किया गया जिसमें लगभग 250 साहित्यकारों, अधिकारियों,
मनीषियों, विज्ञों एवं शहर व देश से आए कई प्रकाशन संस्थानों ने अपने स्टाल लगाए
जिसमें अध्यात्म, योग, साहित्य, इतिहास, साइंस फिक्शन, ए आई, कम्प्यूटर आदि
सभी विधाओं की एवं मंउल लाइक्रेरी में उपलब्ध संकलित विलक्षण पुस्तकों का
प्रदर्शन किया गया। ।
पुस्तक मेले में मेरी चार पुस्तकों को सम्मिलित किया गया
गया था जो मंडल पुस्तकालय में पहले से ही नामांकित थी। ये थीं – ‘चलो प्रेम का
दूर क्षितिज तक पहुँचाएँ सन्देश और ‘हौसलेों ने दिए पंख’ (गीतिका) गीत संजीवनी
(गीत) , एक नई दस्तक देनी है (नवगीत) और तन में जल की बावड़ी (कुंडलिया
छंद)। दिनांक 15/02/2024 को सरस्वती पूजन
के साथ ही चौथे दिन का प्रथम सत्र सिन्धी
साहित्य में सामाजिक आयाम एवं पर्यावरण पर विस्तार से चर्चा का रहा। इस
कार्यक्रम के संयोजन थे वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामकरण प्रभाती और मुख्य वक्ता
थे पूर्व निदेशक प्रचार प्रधानमंत्री कार्यालय और सुपसिद्ध अकादमी व अनेक संस्थाओं
से सम्मानित श्री किशन रतनानी जी। श्री
किशनानी जी का परिचय मंडल पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने दिया। ‘ अन्य सत्रों में ‘ढाई कड़ी की रामलीला’ के लिए राजस्थान के ख्यात कलाकार
श्री जगदीश निराला ने हाड़ौती में संक्षिप्त रामलीला के पात्रों के संवाद सुना
कर श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। कुल 12 सत्रों में चले आयोजनों में ‘गीतों
की रमझोल’ में साहित्यकारों मुकुट मणिराज, राजेंद्र पँवार, भवानी शंकर
वर्मा, आदि ने गीतों की सरिता बहाई। अतिथियों में वरिष्ठ साहित्यकार श्री
जितेंद्र निर्मोही, महेश पंचोली, आनन्द हजारी, योगेश यर्थाथ, बद्रीलाल दिव्य,
डॉ. प्रभात सिंघल, मंडल पुस्तकालय के अधिकारी कर्मचारी व पाठकों ने उपस्थिति दर्ज करवाई। बाद में हुए बाल कवि सम्म्ेलन में डॉ.
आदित्य जैन, श्री लोकेश मृदुल, श्री अखिलेश, डॉ. प्रीति मीणा ने अपनी काव्य
रचनाएँ पढ़ीं। संचालन श्री राजेंद्र
पँवार ने किया।
सायं सत्र में ‘साहित्य एवं शोध
की प्रमुख चुनौतियाँ’ पर प्रो. डॉ.
अनिता वर्मा प्रमुख वक्ता रहीं,
जिसका संयोजन श्री विजय जोशी, वरिष्ठ कथाकार एवं समीक्षक ने किया। थियेटर
आर्टिस्ट शरद गुप्ता का ‘अभिनन्दन से आभार तक’ विषय पर चर्चा प्रमुख
रही।
बाल साहित्य की दशा दिशा पर पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य
अकादमी के संस्थापक सदस्य श्री भगवती प्रसाद गौतम प्रमुख वक्ता रहे
जिसका संयोजन बाल साहित्यकार डॉ. कृष्णा कुमारी ने किया। केंद्रीय साहित्य
अकदामी से सम्मानित बाल साहित्यकार श्री सी. एल. सांखला ने भी बाल साहित्य
पर महत्वपूर्ण विचार प्रकट किए। कोटा के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल कृष्ण
भट्ट ‘आकुल’ की दो पुस्तकों, गीत संग्रह ‘गीत संजीवनी’ सुबह के सत्र में और
‘’बाल काव्य मंजूषा’ बाल साहित्य का विमोचन सायं सत्र में पधारे अतिथियों पुस्तकालयाध्यक्ष
डॉ. दीपक कुमार रीवास्तव, श्री किशन रतनानीजी, केंद्रीय साहित्य अकादमी के बाल
साहित्यकार सम्मानित श्री सी एल सांखला, बाल साहितयकार डॉ. कृष्णा कुमारी, पुस्तकालयाध्यक्ष
डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव, साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही, राजेंद्र पंवार, आदि ने किया।
‘बाल काव्य मंजूषा’ कृति क्या
कहती हैं पर जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के संस्थापक सदस्य श्री
भगवती प्रसाद गौतम ने समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत किये। लेखक परिचय मंडल
पुस्तकालय की सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. शशि जैन ने दिया। सत्र के अंत में
सायं 6 बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। जिसका संयोजन श्री
राजेंद्र कुमार जैन, पूर्व सहायक रजिस्ट्रार आर.टी.यू. कोटा ने किया। सुबह के
सत्र का संचालन कोटा के कवि राजस्थानी-हिन्दी के ओज कवि राजेंद्र पँवार ने किया। 16 को लगभग 150
महिला एवं पुरुष साहित्यकारों, बाल कलाकारों, विद्वानों, लोक कलाकारों को सम्मान
पत्र दे कर सम्मानित किया गया । समापन एवं सम्मान समारोह में कोटा वर्द्धमान
महावीर विश्वविद्यालय के कुलपति मुख्य अतिथि थे।
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