6 नवंबर 2025

चंद्र विजय अभियान

विश्‍ववाणी हिंदी संस्‍थान अभियान, जबलपुर, भारत के सौजन्‍य से विश्‍व कीर्तिमान बनाता साझा काव्‍य संकलन 'चंद्र विजय अभियान' में 5 देशों, 51 भाषाओं / बाेलियों 213 साहित्‍यकारो/ कवियों/ रचनाकारों की कविताओं का गुलदस्‍ता प्रकाशित हुआ। गौरव है कि इस विश्‍वकीर्तिमान से सुसज्जित काव्‍य संकलन मे 'आकुल' को स्‍थान मिला। उनकी रचना 'गीत - जय हो' के नाम से प्रकाशित हुई- 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन जय हो

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन जय हो।  
भारत हुआ गौरवान्वित 
इसके हर जन की जय हो।
भारतीय अंतरिक्ष..........

कलियुग में संगठित हुए जो
विजय उसी ने पाई।  
सदा सफलता की कुंजी है
असफलता नहिं पाई।
उतरा सकुशल चंद्रयान 
फहराया वहाँ तिरंगा,
हम भी श्रेष्‍ठ सिद्ध हुआ
ऐतिहासिक कीर्ति लिखाई।

विश्‍व चकित हो देख रहा था
 उस पल क्षण की जय हो।  
भारतीय अंतरिक्ष..........

गीता, वेद, पुराण, उपनिषद्
ग्रन्थ सिद्ध भारत में।
मंत्र शक्ति से साक्षी है
ब्रह्मास्‍त्र बना भारत में।
शून्‍य दिया भारत ने वैदिक-
गणित सिद्ध भारत में।
उसी गणित से चंद्रारोहण
सिद्ध हुआ भारत में।  

योग शान्ति के नायक की 
तकनीक चिरंतन जय हो।  
भारतीय अंतरिक्ष..........

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