18 सितंबर 2024

हिन्दी, से ही अपना हिन्दुस्तान है

हिन्दी, से ही हम सब की पहचान है।
हिन्दी, से ही अपना हिन्दुस्तान है।]
अपनी शान है
अपनी आन है।
हिन्दीसे ही अपना हिन्दुस्तान है।

रात दिन यह बढ़ रही है।
अब शिखर पर चढ़ रही है।
कीर्तियाँ भी गढ़ रही है।
हिंदी, संस्कृत का इक वरदान है।
हिन्दी, से ही हम सब की पहचान है।
अपनी शान है।
अपनी आन है।
हिन्दी, से ही अपना हिन्दुस्तान है।

बादलों के पार भी है।
सागरों के पार भी है।
मानता संसार भी है।
हर इक, बोलियों में इसका मान है।
हिन्दी, से ही हम सब की पहचान है।
अपनी शान है।
अपनी आन है।
हिन्दी से ही अपना हिन्दुस्तान है।

सरहदों पर चल रही है।
हर घरों में पल रही है 
धड़कनों में बस रही है।
अपनी, संस्कृति का यह अभिमान है।
हिन्दी, से ही हम सब की पहचान है।
अपनी शान है।
अपनी आन है।
हिन्दी से ही अपना हिन्दुस्तान है।
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