13 मई 2010

डॉ0 नलिन की पुस्‍तक "गीतांकुर" का विमोचन

कोटा। 2 मई 2010 को सायं 5 बजे कोटा के विज्ञाननगर में मयूखेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण की हरियाली और मनोरम वातावरण में छोटी बहर के ग़ज़लकार के रुप मे पहचाने जाने वाले शायर, गीतकार, कवि और पेशे से चिकित्सक डॉ0 नलिन की तीसरी पुस्तक “गीतांकुर” का विमोचन कोटा के जाने माने कवियों, साहित्यकारों और कोटा की अनेकों साहित्यिक संस्थाओं के सदस्यों के मध्‍य सम्पन्न हुआ।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान, कोटा द्वारा आयोजित जनावतरण समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात वरिष्ठ साहित्यकार डॉ0 ओंकारनाथ चतुर्वेदी ने की। मुख्य अतिथि मयूखेश्व‍र महादेव मंदिर के संस्थापक प्रख्यात साहित्यकार शायर बशीर अहमद मयूख और श्री भगवती प्रसादजी गौतम थे। कार्यक्रम मंचासीन साहित्यकारों को पुष्पहार पहना कर स्वागत के साथ हुआ। पुस्तक के विमोचन के बाद पुस्तक परिचय श्रीमती (डॉ0) विमलेश श्रीवास्तव ने दिया। कार्यक्रम के मध्य में श्रीमती संगीता सक्सैना ने पुस्तक “गीतांकुर” के दो गीतों “पवन दुधारी उर पर मत धर” और “चंग बाजे संग साजे” को अपने स्वर दिये और कार्यक्रम को चार चांद लगा दिये। डॉ0 चतुर्वेदी के अध्यक्षीय भाषण और साहित्यकार अरविंद सोरल, अध्यक्ष साहित्य परिषद् के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के अंत में मचासीन साहित्यकारों, श्रीमती संगीता सक्सैना, रम्‍मू भैया आदि को प्रशस्ति पत्र और उत्तरीय देकर डॉ0 नलिन ने सम्मानित किया। कार्यक्रम का समापन पधारे सभी साहित्यकारों और अतिथियों को “गीतांकुर” पुस्तक भेंट और अल्पाहार से हुआ। कार्यक्रम का संचालन रामेश्वर शर्मा “रम्मू भैया” ने किया। कार्यक्रम में पधारे साहित्‍यकारों में कोटा के जाने माने साहित्यकार श्री सर्वहारा, अखिलेश अंजुम, चांद शेरी, रघुनाथ मिश्र, ब्रजेंद्र कौशिक, सुश्री कृष्णा कुमारी कमसिन, गोपाल कृष्ण भट्ट “आकुल”, नरेंद्र चक्रवर्ती ”मोती”, आर सी शर्मा आरसी, वीरेंद्र विद्यार्थी, रामकरण सनेही आदि अनेकों कवि और कवियत्रियों ने डॉ0 नलिन को बधाई दी।

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