जीवन में अडिग रहना
सिखाता है पेड़।
झंझावतों से जूझना सिखाता है पेड़।।
झंझावतों से जूझना सिखाता है पेड़।।
पतझड़ में झड़ कर भी
नहीं झुकता है पेड़
तूफानों में भी झूमता है, नहीं झुकता है पेड़।
धरती से जुड़े रहना सिखाता है पेड़।।
तूफानों में भी झूमता है, नहीं झुकता है पेड़।
धरती से जुड़े रहना सिखाता है पेड़।।
डाली पे बच्चों को
झूले झुलाता है पेड़।
गरमी में अपनी छाया में बुलाता है पेड़।
हर हाल में खुश रहना सिखाता है पेड़।।
गरमी में अपनी छाया में बुलाता है पेड़।
हर हाल में खुश रहना सिखाता है पेड़।।
डाली परिवार, पत्ते
बच्चे बताता है पेड़।
एक रहने के गुण सच्चे बताता है पेड़।
मिल-जुल गर्व से रहना सिखाता है पेड़।।
एक रहने के गुण सच्चे बताता है पेड़।
मिल-जुल गर्व से रहना सिखाता है पेड़।।
देना ही सीखा है,
नहीं जताता है पेड़।
चाहत कभी अपनी नहीं जताता है पेड़।
हर दम संघर्ष करना सिखाता है पेड़।।
चाहत कभी अपनी नहीं जताता है पेड़।
हर दम संघर्ष करना सिखाता है पेड़।।
हरियाली से उम्र
बढ़ती है बताता है पेड़।
खुशी से समृद्धि बढ़ती है बताता है पेड़।
प्रकृति से प्रेम करना सिखाता है पेड़।।
खुशी से समृद्धि बढ़ती है बताता है पेड़।
प्रकृति से प्रेम करना सिखाता है पेड़।।
मुझे बच्चों के साथ
पालो बुलाता है पेड़।
एक पौधा घर में सजा लो बुलाता है पेड़।
मुझसे बढ़ेगी फुलवारी सिखाता है पेड़।।
एक पौधा घर में सजा लो बुलाता है पेड़।
मुझसे बढ़ेगी फुलवारी सिखाता है पेड़।।
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