आज है राखी का त्योहार
भाई को बहिना का उपहार
कच्चे धागे में लिपटा है
एक अनोखा प्यार।
आज है राखी का त्योहार.....
साथ खेल पढ़ बड़े हुए जब
अपने पग पर खड़े हुए जब
रिश्तों की तासीर बताई
घर की इज्जत है समझाई
मात पिता की प्रतिमूरत है
बहिन भाई की जो सूरत है
एक पेट जाये हैं दोनों
एक खून इक नार।
आज है राखी का त्योहार.......
संस्कार देने होंगे अब
रिश्ते दृढ़ करने होंगे अब
घर घर में रिश्ते पोषित हों
नारी कहीं नहीं शोषित हो
माँँ बहु बेटी बहिन बहार
घर में सुख की बहे बयार
नैहर और ससुराल बनेंगे
स्वर्ग सेतु और द्वार ।
आज है राखी का त्योहार......।
रक्षाबंधन |
कच्चे धागे में लिपटा है
एक अनोखा प्यार।
आज है राखी का त्योहार.....
साथ खेल पढ़ बड़े हुए जब
अपने पग पर खड़े हुए जब
रिश्तों की तासीर बताई
घर की इज्जत है समझाई
मात पिता की प्रतिमूरत है
बहिन भाई की जो सूरत है
एक पेट जाये हैं दोनों
एक खून इक नार।
आज है राखी का त्योहार.......
राखी के अवसर पर बेटी कीर्ति(5) और बेटा पीयूष (1) (1989) |
संस्कार देने होंगे अब
रिश्ते दृढ़ करने होंगे अब
घर घर में रिश्ते पोषित हों
नारी कहीं नहीं शोषित हो
माँँ बहु बेटी बहिन बहार
घर में सुख की बहे बयार
नैहर और ससुराल बनेंगे
स्वर्ग सेतु और द्वार ।
आज है राखी का त्योहार......।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें