हिन्दी भाषा की बने, ऐसी अब पहचान।
मेहनत से जैसे बने, कोई जब धनवान।
हिन्दी को भी गर्व से, अब बोलें हम आप।,
खुशी मिले ज्यों दोगुनी, मिलता जब सम्मान।
वाहन, घर, महँगे वसन, मोबाइल का शौक,
हिन्दी का भी शौक अब, पालें सब इनसान।
ज्ञानी, संत समाज में, फैलाते सुविचार,
हिन्दी के उत्थान काा, छेड़े अब अभियान।
'आकुल' हिन्दी को मिले, ऐसी एक उड़ान,
मस्जि़द में हों कीर्तन, मन्दिर में अब अजान।
मेहनत से जैसे बने, कोई जब धनवान।
हिन्दी को भी गर्व से, अब बोलें हम आप।,
खुशी मिले ज्यों दोगुनी, मिलता जब सम्मान।
वाहन, घर, महँगे वसन, मोबाइल का शौक,
हिन्दी का भी शौक अब, पालें सब इनसान।
ज्ञानी, संत समाज में, फैलाते सुविचार,
हिन्दी के उत्थान काा, छेड़े अब अभियान।
'आकुल' हिन्दी को मिले, ऐसी एक उड़ान,
मस्जि़द में हों कीर्तन, मन्दिर में अब अजान।
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