8 मार्च 2022

कहते हैं नारी खुश है तो, रहे सुखी परिवार

 विश्व महिला दिवस की शुभकामनाएँ

गीतिका
छंद- सरसी
विधान- मात्रा भार 27 (चोपाई+दोहे का सम चरण) 16,11 पर यति, अंत गुरु-लघु अनिवार्य
पदांत- 0
समांत- आर
कहते हैं नारी खुश है तो, रहे सुखी परिवार ।
सामंजस्य, त्याग, अपनापन, नारी के शृंगार । 1।
स्वाभिमान इतना ही रखना, लगे न दाँव न चोट,
नारी से ही दुनियादारी, नारी कुल आधार ।2।
घर-कुटुंब-कुल की खातिर वह, देती है सर्वस्व,
कंधे से कंधा दे उसको, दे उसको सहकार ।3।
दुनिया में नारी के चर्चे, नहीं समझना होड़,
मत आवाज दबाना उसका, बस व्यक्तित्व निखार ।4।
मातृभूमि पर बलिहारी की, गाथा मिलें अनेक,
है इतिहास साक्ष्य वारी है, कोख हजारों बार ।5।
युग बदले नारी को जब-जब, पुरुषों ने दी चोट,
नारी के ही आर्त्तनाद पर, हुए सभी अवतार ।6।
‘आकुल’ नमन आज नारी को, भाए नव शृंगार,
रूप अनेकों धर कर उसने, कर दी है हुंकार ।7।

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