1
ज्ञान
ध्यान दे सुसंज्ञान दे, शक्ति-भक्ति का विधि-विधान दे,
माया, साया संग निरोगी काया दे पर निरभिमान दे,
वंशवृद्धि
और सुख समृद्धि दे रिद्धि-सिद्धि में दे अभिवृद्धि,
मय सद्भाव प्रेम-प्रीति यह नव सम्वत्सर ससम्मान दे।
2
मत
देना, ऐसा अभाव प्रभु, मत्सर का स्वभाव, पालूँ,
न हाव-भाव, न मनोभाव में, द्वेष मोह माया पालूँ,
जीवन हो उर्जित, सम्वत्सर, का प्रभाव इतना हो बस,
बीते, हितार्थ, शेष जीवन, दुर्भाव कभी भी ना पालूँ।
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