2 अप्रैल 2022

नव संवत्‍सर

 


1

ज्ञान ध्‍यान दे सुसंज्ञान दे, शक्ति-भक्ति का विधि-विधान दे,

माया, साया संग निरोगी काया दे पर नि‍रभिमान दे,

वंशवृद्धि और सुख समृद्धि दे रिद्धि-सिद्धि में दे अभिवृद्धि,

मय सद्भाव प्रेम-प्रीति यह नव सम्‍वत्‍सर ससम्मान दे।


2

     मत देना, ऐसा अभाव प्रभु, मत्‍सर का स्‍वभाव, पालूँ,     

  न हाव-भाव, न मनोभाव में, द्वेष मोह माया पालूँ,  

जीवन हो उर्जित, सम्‍वत्सर, का प्रभाव इतना हो बस,

बीते, हितार्थ, शेष जीवन, दुर्भाव कभी भी ना पालूँ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें