15 सितंबर 2023

हिन्दी इक वरदान है

गीत

आधार छंद- उल्लाला

हिन्दी इक वरदान है।

करना अब सम्मान है।

स्वाभिमान है देश का,

आन बान अरु शान है।

हिन्दी इक वरदान है।।


भारतीय हर देश का,

किसी भेष-परिवेश का,

सम्प्रेषण का सेतु है

होता गर्व स्वदेश का।

उत्तरोत्तर विकास का,

स्वपोषित प्रतिदान है।

स्वाभिमान है देश का,

आन बान अरु शान है।

हिन्दी इक वरदान है।।


बोध न सम्भव बिन पढ़े,

शोध न सम्भव बिन चढ़े,

क्रोध शमन ना मौन बिन,

नींव न प्रस्तर अनगढ़े।

भाषा ही ना मात्र यह,

अनुपम यह विज्ञान है।

स्वाभिमान है देश का,

आन बान अरु शान है।

हिन्दी इक वरदान है।।


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