सान्निध्य
दोस्त फ़रिश्ते होते हैं. बाक़ी सब रिश्ते होते हैं.
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28 अगस्त 2011
सान्निध्य सेतु: 'दृष्टिकोण' ने दूसरे वर्ष में प्रवेश किया। पाँचव...
सान्निध्य सेतु: 'दृष्टिकोण' ने दूसरे वर्ष में प्रवेश किया। पाँचव...
: कहानी दर्द की मैं ज़िन्दगी से क्या कहता।
यह दर्द उसने दिया है उसी से क्या कहता।
तमाम शहर में झूठों का राज़ था ‘अख्तर’,
मैं अपने ग़म क...
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