कविता कली, गीत गुल
नवगीत गुलदस्ता है।
कवियों ने इसे कई
कवियों ने इसे कई
नए आयाम दिये हैं
मुक्तछन्द की रौ में
बहते पयाम दिये हैं
साहित्य संगीत से
इसमें रस मधुरता है।
छन्दानुशासन प्रकृति
लोकगीत लुभावन है
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
लोक संस्कार इसमें
मूलभाव रचना का
हो सदैव प्रतीकात्मक
सम्भव हो सके बने
वह सदैव सकारात्मक
गूँजता है नवगीत
जहाँ जीवन बसता है।
कविताओं गीतों ने
इसमें रवानी भर दी
फ़ज़ा ने प्राण फूँके
इसमें जवानी भर दी
हवा गुनगुनाती है
तब नवगीत बनता है।
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