19 सितंबर 2020

भुट्टे हैं रस भरे बड़े

 नवगीत

भुट्टे हैं रस भरे बड़े

गोरे पीले नरम कड़े
भुट्टे हैं रस भरे बड़े

पत्ते हरे गुलाबी नर्म
इस पर होते ढके हुए
बाली तुर्रा माथे पर
कुलह सरीखे टँगे हुए
दूध दाँत के जैसे बीज
पंक्तिबद्ध बत्तीसी से
इन्हें बचाने को रेशे
लिपटे रहते पड़े हुए

पत्तों से ये घिरे हुए
खेतों में भी उगें छड़े

सिकते हैं गोरे भुट्टे
और रसीले हो जाते
प्राय: सब भुट्टे पीले
फूलों जैसे खिल जाते
पौपकौर्न चाहें बच्चे
बड़े आँच पर सिकवायें
कुछ छीलें या गरम गरम
दाँतों से सीधे खाते

कुदरत की खूबी देखो
कच्चे रहते सख्त गड़े

मक्के दी रोटी हो संग
हो सरसों का साग सखे
बनें ढोकले बाटी भी
हो चटनी का साथ सखे
बनें पकौड़े या कटलेट
रहें कुरकुरे देर तलक
बेसन सा आटा होता
पीला औ भुरभुरा सखे

भुट्टे नीबू नमक लगा
खाओ यारो खड़े खड़े

- आकुल
१ सितंबर २०२०

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