19 सितंबर 2022

आज है समय कि संग में रहें

 गीतिका

आधार छंद- वाचिक श्येनिका
मापनी- 21 21 21 21 21 2
पदांत- में रहें
समांत- अंग
आज है समय कि संग में रहें।
ताकि हर समय उमंग में रहें।1।
सुक्ख दु:ख भी सहें समेट कर,
साथ-साथ हर प्रसंग में रहें।2।
हो जुगत कि अब गरीब भी नहीं,
जिंदगी तमाम तंग मे रहें।3।
कब अमीर भी सुखी रहें बहुत,
हाँ, नसीब से तरंग में रहें ।4।
जो जरूरती उसी को थाम कर
चल पड़ें किसी भी ढंग में रहें।5।
याद अब करें न बीत जो गया,
वक्त क्यों बने कि जंग में रहें।6।
है बुला रही सुबह तुम्हें नई,
हौसले अनंत अंग में रहें।7।

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