10 जुलाई 2010

‘दृष्टिकोण’ का प्रवेशांक देवार्पित

कोटा। फ्रेण्ड्स हेल्प लाइन, कोटा के साहित्य प्रकाशन शृंखला का द्वितीय साहित्य प्रकाशन “दृष्टिकोण” का प्रवेशांक देवार्पण कर पाठकों, साहित्यकारों को उपलब्ध कराने हेतु तैयार है। हेल्प लाइन के प्रबंध सम्पादक एवं मानद सचिव श्री नरेंद्र चक्रवर्ती ने बताया कि पत्रिका त्रैमासिक है और वर्ष 2010-2011 का यह प्रथम अंक है। पत्रिका में लेख, ग़ज़ल, गीत, कविता, लघुकथा, दोहा, चतुष्पदी, मुक्तछंद, लघु कविता को स्थान दिया गया है। 52 पृष्ठीय पत्रिका में लगभग 60 रचनाकारों को स्थान मिला है। प्रदेश और देश के जाने माने साहित्यकारों से सुसज्जित यह पत्रिका सुंदर रंगीन कलेवर से सजी बहुत ही आकर्षक बन पड़ी है।
पत्रिका में प्रख्यात ग़ज़लकार रमेश ‘नाचीज़’, पुरुषोत्तम ‘यक़ीन’, मुखराम माकड़ ‘माहिर’, मो- इल्यास ‘नाज़’, ए- जमील ‘कु़रेशी’, अमीन ‘असर’, अहमद सिराज ‘फ़ारुक़ी’, डॉ- नलिन, चाँद ‘शेरी’ आदि, कविताओं में राम गोपाल राही, सुरेशचंद्र निगम, लघुकथा में गिरीश कान्त सक्सेना, संतोष सुपेकर, दिनेश कुमार छाजेड़ आदि, मुक्त छंद में ओम नागर, अम्बिका दत्त, ग्यारसी लाल आदि, लघु कविताओं में इला मुखोपाध्याय, शफ़ी उद्दीन ‘पलसावी’ आदि कवियों, साहित्‍यकारों ने अपनी लेखनी का कमाल दिखाया है। पत्रिका में राजस्थान साहित्य अकादमी की जानी मानी हस्ती राजस्थान के ख्यातनाम वरिष्ठ साहित्यकार श्री गदाधर भट्ट, डॉ- दया कृष्ण ‘विजय’ जैसे मूर्धन्य साहित्यकारों ने भी अपने अमर विचार दिये हैं।
मानद सचिव श्री चक्रवर्ती ने पत्रिका का प्रवेशांक देवार्पित करते हुए बताया कि पत्रिका का मूल उद्देश्य जहाँ हिन्दी एवं उसकी सहोदर भाषाओं को प्रोत्साहन देना है, वहीं स्थानीय रचनाकारों के साथ अन्य राज्यों के रचनाकारों का परिचय पाठक मित्र जगत् को कराना है। उन्होंने रचनाकारों से अपील की है कि वे स्वैच्छिक रूप से आर्थिक सहयोग दें, परन्तु पुस्तक की प्रति के लिए पाठक मित्र बन कर उनके इस संकल्प की सार्थकता में सहयोग बन अपना अद्वितीय योगदान अवश्य प्रदान करें।
मित्रों के लिए समर्पित फ्रेंड्स हेल्पलाइन की प्रथम साहित्यिक-सामाजिक पत्रिका ‘कृतज्ञ यज्ञ संकल्प’ के सफल सात वर्ष पूर्ण करने के बाद उनका यह सम्पूर्ण साहित्यिक पत्रिका का लंबे समय से मन में सँजोये रखा सपना साकार हो गया। उन्होंने इसे साहित्यकार पाठक मित्रों की एक लंबी शृंखला बनाने का भी प्रयास बताया। फ्रेण्ड्स हेल्पालाइन के प्रकाशनों में सर्वप्रथम ‘कलमकार निर्देशिका’ ने साहित्यकारों के बीच श्री चक्रवर्ती को एक नई पहचान दी थी। श्री चक्रवर्ती एक कवि भी है। उनके कोमल मन ने अपनी पहली कृति ‘मोती’ भी साहित्य जगत् में प्रस्तुत की है। पुस्तक ‘मोती’ जनवादी लेखक संघ की कोटा इकाई की वर्ष 2008 को ‘सृजन वर्ष’ के रूप में मनाये जाने के अंतर्गत प्रकाशित 9 पुस्तकों में एक थी। श्री चक्रवर्ती जनवादी लेखक संघ के कोटा शहर इकाई के सचिव भी हैं।
श्री चक्रवर्ती ने बताया कि प्रकाशित साहित्‍यकारों को उनकी प्रतियाँ प्रेषित की जा रही हैं। पत्रिका की प्रतिक्रियाओं और पाठकों के विचार पत्रिका के तृतीय अंक में प्रकाशित किये जायेंगे।

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