27 मार्च 2011 को उज्जैन म0प्र0 में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य सम्मान 2011 समारोह में देश के विभिन्न साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। शब्द प्रवाह साहित्य मंच,उज्जैन की ओर से आयोजित इस समारोह में कोटा के साहित्यकार और जनवादी कवि श्री गोपाल कृष्ण भट्ट ‘आकुल’ की कृति ‘जीवन की गूँज’को पुरस्कृत किया गया। श्री ‘आकुल’ को उनकी लंबी शब्द यात्रा में हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए किये गये उनके कार्य को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें ‘शब्द’ श्री’ की मानद उपाधि प्रदान की गयी। शब्द श्री के लिए चयन किये जाने के बाद शब्द प्रवाह साहित्य मंच के प्रधान सम्पादक श्री संदीप फाफरिया ‘सृजन’ ने दूरभाष पर श्री भट्ट को बधाई दी और शब्द प्रवाह मंच परिवार की ओर से शुभकामनायें दीं। ‘शब्द प्रवाह’ उज्जैन से प्रकाशित साहित्य जगत् की एक सशक्त त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका है।
श्री भट्ट को चयन प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आपकी साहित्यिक यात्रा में निर्णायकों को आपके शब्द संयोजन की विधा वर्गपहेली निर्माण ने उन्हें सर्वाधिक प्रभावित किया। 1993 से 2008 तक लगातार लगभग 7000 हिंन्दी वर्गपहेली के निर्माण में उन्होंने जो शब्दों के माध्यम से हिन्दी की सेवा की है और अब ई पत्रिका ‘अभिव्यक्ति’ से जुड़े हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्गपहेली के माध्यम से हिंदी भाषा की सेवा कर रहे हैं, ‘शब्द श्री’ मानद उपाधि दे कर श्री भट्ट का ही नहीं, हिन्दी भाषा का भी सम्मान करते हुए वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। ‘जीवन की गूँज’ कृति की भी प्रशंसा करते हुए उन्होने कहा कि कृति गद्य-पद्य विधा में अपने आप में अनोखी है। ऐसा साहित्यिक सृजन कम ही होता है।
23अप्रेल को पुस्तक दिवस के अवसर पर जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष श्री रघुनाथ मिश्र और सचिव श्री नरेन्द्र कुमार चक्रवर्ती व अन्य जलेस सदस्यों ने श्री मिश्र के घर हुई बैठक में श्री भट्ट को ‘शब्द श्री’ की मानद उपाधि एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त होने पर शुभकामनायें दीं और मंगलमय साहित्यिक यात्रा की उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए अनवरत यात्रा कर हिन्दी की सेवा करते रहने का आग्रह किया ।
श्री भट्ट को चयन प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आपकी साहित्यिक यात्रा में निर्णायकों को आपके शब्द संयोजन की विधा वर्गपहेली निर्माण ने उन्हें सर्वाधिक प्रभावित किया। 1993 से 2008 तक लगातार लगभग 7000 हिंन्दी वर्गपहेली के निर्माण में उन्होंने जो शब्दों के माध्यम से हिन्दी की सेवा की है और अब ई पत्रिका ‘अभिव्यक्ति’ से जुड़े हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्गपहेली के माध्यम से हिंदी भाषा की सेवा कर रहे हैं, ‘शब्द श्री’ मानद उपाधि दे कर श्री भट्ट का ही नहीं, हिन्दी भाषा का भी सम्मान करते हुए वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। ‘जीवन की गूँज’ कृति की भी प्रशंसा करते हुए उन्होने कहा कि कृति गद्य-पद्य विधा में अपने आप में अनोखी है। ऐसा साहित्यिक सृजन कम ही होता है।
23अप्रेल को पुस्तक दिवस के अवसर पर जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष श्री रघुनाथ मिश्र और सचिव श्री नरेन्द्र कुमार चक्रवर्ती व अन्य जलेस सदस्यों ने श्री मिश्र के घर हुई बैठक में श्री भट्ट को ‘शब्द श्री’ की मानद उपाधि एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त होने पर शुभकामनायें दीं और मंगलमय साहित्यिक यात्रा की उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए अनवरत यात्रा कर हिन्दी की सेवा करते रहने का आग्रह किया ।
श्री आकुल जी को "शब्द श्री" की उपाधि से विभूषित किए जाने के लिए मैं "शब्द प्रवाह" परिवार को श्रद्धेय आकुल जी का चयन करने के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूँ। साथ ही माननीय आकुल जी को उनकी अनवरत साहित्य यात्रा के लिए मेरी ओर से ढेरों शुभकामनाएँ। सहर्ष स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंकवि सुधीर गुप्ता "चक्र"
श्री आकुल जी को "शब्द श्री" की उपाधि से विभूषित किए जाने के लिए मैं "शब्द प्रवाह" परिवार को श्रद्धेय आकुल जी का चयन करने के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूँ। साथ ही माननीय आकुल जी को उनकी अनवरत साहित्य यात्रा के लिए मेरी ओर से ढेरों शुभकामनाएँ। सहर्ष स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंकवि सुधीर गुप्ता "चक्र"
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