9 नवंबर 2016

हवा बदलनी चाहिए (मुक्‍तक)

1
प्रदूषण/संक्रमण
दूषित धरा, प्रदूषित फ़ज़ा, अब हवा बदलनी चाहिए.
साँस-साँस संक्रमित है, आबो हवा बदलनी चाहिए.
प्रदूषण से बीमार है हर इक शहर, गाँव, गली, मकाँ,
हर-एक घर में खुशनुमा अब, सुबहा निकलनी चाहिए.
 2
उत्‍थान
कर्मनिष्‍ठ का कर्म ही, होता है उत्‍थान।
अकर्मण्‍य के भाग्‍य में, सोता अभ्‍युत्‍थान।
जीव बिना जीवन नहीं, मरण बिना नहीं मोक्ष,
कर्म बिना उत्‍थान बस, मृगमरीचिका जान।
3
पतन
धर्म कर्म बिन जीव का, जीवन पतन समान।
जैसे गुरु बिन ज्ञान का, मोल मिले ना मान।
वंश बेल तो बढ़ाते, पूत कपूत सपूत, 
निकले पूत कपूत तो, पतन सुनिश्चित जान। 

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