15 दिसंबर 2017

धर्म एवं सत्‍य की हो जीत


छंद- पियूष पर्व
मापनी- 2122 2122 212
पदांत- हो सदा
समांत- आरी

भावना कल्याणकारी हो सदा.
कर्मणा भी सदाचारी हो सदा.

शांति की हो कामना सदैव ही,
अंत तक पर धैर्यधारी हो सदा.

बुद्धिमत्‍ता, शौर्य अरु धन-धान्‍य हो,   
मित्रता उससे भी’ भारी हो सदा.

साहसी भी हो मनोबल उच्‍च हो,
युद्ध भी हो तो तै’यारी हो सदा.

धर्म एवं सत्य की हो जीत यह,
सभ्‍यता-संस्‍कृति हमारी हो सदा.

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