छंद- चौपाई
+ चौपाई की अर्द्धाली, 16, 8 पर यति
पदांत- इस
मौसम में
समांत-
आएँ (उकारांत)
चलो चलो सब मौज उड़ाएँ इस
मौसम में.
गर्मी का आनंद उठायें इस
मौसम में.
हर मौसम के होते सुख-दुख
अपने अपने,
एक एक कर खुशी जुटायें इस
मौसम में.
गोले, कुल्फी, फालूदा,
ठंडाई, चुस्की,
सौ दौ सौ का नोट तुड़ायें इस
मौसम में.
खरबूजा तरबूज फालसे खिरनी
लायें,
मंडी जा कर आम तुलायें इस
मौसम में.
इस मौसम में आम न खाया तो क्या
खाया,
सब मित्रों को आम चुसायें इस
मौसम में.
कूलर, एसी, छाया, पंखा, ठंडा
पानी,
ना हों छक्के खूब छुड़ाएँ,
इस मौसम में.
जाते जाते गरमी को भी भेंट
करें सब,
मिलजुल कर सब पौद उगायें इस
मौसम में.
फल का राजा आम, आम जनों का
राजा,
नहीं
आदमी आम भुलाएँ इस मौसम में.
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