28 जून 2018

जरूरी है कि पेड़ों को बचाया जाये कटने से (गीतिका)

छंद- विधाता
मापनी 1222 1222 1222 1222
पदांत- से
समांत- अने  

जरूरी है कि पेड़ों को, बचाया जायेकटने से.
चले आँधी तोपौधों को, बचाया जायेमरने से.

न पनपे और इक मरुभूमि, धरती पर हमारे अब,
हवा, पानी व पेड़ों से, बचाया जायेबढ़ने से.

हमें होना सजग है अब, मुहिम इक छेड़नी होगी,
जरूरी है न हो अतिक्रम, बचाया जायेजमने से.

बढ़ायें सौर, गोबर अरु, पवन ऊर्जा केसंसाधन,
न हो गोवंश आवारा, बचाया जायेदलने से.

न हो मजदूर बँधुआ बाल, श्रम भी मुक्त है करना,
अशिक्षित को कभी भी ना, बचाया जायेपढ़ने से,

न ले हथियार हाथों में, न आतंकी बने कोई,
न कोई देशद्रोही हो, बचाया जायेबनने से.

करें सब स्वच्छ भारत का, प्रथम साकार अब सपना,
चलें क्यों अग्निपथ पर घर, बचाया जायेजलने से.

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