छंद-
विधाता
जरूरी
है कि पेड़ों को,
बचाया जाये’ कटने से.
चले आँधी तो’ पौधों को, बचाया जाये’ मरने से.
मापनी
1222 1222 1222 1222
पदांत-
से
चले आँधी तो’ पौधों को, बचाया जाये’ मरने से.
न
पनपे और इक मरुभूमि,
धरती पर हमारे अब,
हवा, पानी व पेड़ों से, बचाया जाये’ बढ़ने से.
हवा, पानी व पेड़ों से, बचाया जाये’ बढ़ने से.
हमें
होना सजग है अब,
मुहिम इक छेड़नी होगी,
जरूरी है न हो अतिक्रम, बचाया जाये’ जमने से.
जरूरी है न हो अतिक्रम, बचाया जाये’ जमने से.
बढ़ायें
सौर,
गोबर अरु, पवन ऊर्जा के’ संसाधन,
न हो गोवंश आवारा, बचाया जाये’ दलने से.
न हो गोवंश आवारा, बचाया जाये’ दलने से.
न
हो मजदूर बँधुआ बाल,
श्रम भी मुक्त है करना,
अशिक्षित को कभी भी ना, बचाया जाये’ पढ़ने से,
अशिक्षित को कभी भी ना, बचाया जाये’ पढ़ने से,
न
ले हथियार हाथों में,
न आतंकी बने कोई,
न कोई देशद्रोही हो, बचाया जाये’ बनने से.
न कोई देशद्रोही हो, बचाया जाये’ बनने से.
करें
सब स्वच्छ भारत का,
प्रथम साकार अब सपना,
चलें क्यों अग्निपथ पर घर, बचाया जाये’ जलने से.
चलें क्यों अग्निपथ पर घर, बचाया जाये’ जलने से.
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