10 मार्च 2018

नारी बिना दो कदम भी बढ़ोगे नहीं (गीतिका)

अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर नारीशक्ति को समर्पित्‍ा

पदांत- नहीं
समांत- ओगे

नारी बिना दो कदम भी बढ़ोगे नहीं.
सफलता की सीढ़ि‍याँ भी चढ़ोगे नहीं.  

नारी नहीं दीन शक्तिहीन ऐ ! मानव,
कोई भी इतिहास कभी गढ़ोगे नहीं.

असभ्‍यता, अपसंस्‍कृति, आक्रोष बढ़ेगा
नारी के आदर्श को जो मढ़ोगे नहीं.  

कैसे जान लोगे तुम नारी शक्ति को,
युगों के इतिहास को जो पढ़ोगे नहीं.

मिल पाए’गी तुमको मुक्ति तब ही ‘आकुल’
नारी’ के उत्‍थान से तुम चिढ़ोगे नहीं.

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