24 अप्रैल 2023

कहना मत बस अपना ग़म

 गीतिका
छंद- शील (वार्णिक)
सूत्र- सगण सगण सगण लघु लघु (स स स ल ल)
मापनी- 112 112 112 1 1
पदांत- 0
समांत- अम
कहना मत बस अपना ग़म।
करना बस हो जितना दम।1।
तन स्वस्थ रहे मन भी दृढ़,
हँस के करते रहना श्रम।2।
मिलता सबको कुछ ना कुछ,
अधिकाधिक या कम से कम।3।
रहना न अधीर न व्याकुल,
रखना बस ना मन में भ्रम।4।
क्षणभंगुर है यह जीवन,
हर शै रहता यह आलम।5।

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