28 मई 2023

अंधविश्‍वास

छंद- प्‍लवंगम् 
विधान- प्रति चरण मात्रा २१ मात्रा, चरणारंभ गुरु, चरणांत गुरु लघु गुरु (रगण), यति ८-१३।

पदांत- है
समांत- आत  

अंधविश्वास, ऐसा पक्षाघात है।
ज्यों घर में ही, होता भीतरघात है।1

जीवन भर यह, देता हमको त्रास ही,
कालरात्रि है, जिसमें नहीं प्रभात है।2

और सयाना, करता फिर प्रतिघात है।3
निर्धनता नेहालातों ने घात की,

कोई भी अनुसरण करे वह ही लुटे,
एक जुआ है, जिसमें होती मात है ।4

उन्मूलन जन-जाग्रति से, इसका करें,
शिक्षा से ही, संभव मिले निजात है।5

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