29 मई 2023

छंदबद्ध हर गीत बना सकते ज्ञानी

 गीतिका

छंद- मंगलवत्‍थु / मंगलमाया  

विधान- 22 मात्रा। दोहे के सम चरण की दो अवृत्तिा 11, 11

पर यति अंत 2 गुरु से

 

पदांत- 0

समांत- आनी

 

छंदबद्ध हर गीत, बना सकते ज्ञानी
दोनों हाथों खूब, दिया करते दानी

 

देशभक्ति की राह, गँवाते प्राणों को,
वे शहीद कहलायँ, सदा पढ़ते बानी ।

 

पीने भर को जहाँ, रोज जब पानी हो. 
वे ही समझें मूल्य, बचा रखते पानी ।

 

महँगाई का दौर, बंद रक्खो मुट्ठी,
बनो कूप मंडूक, बैल फिरते घानी ।

 

'आकुल' जीवन श्रेष्‍ठ, अगर चूल्हा साझा,
एकाकी रसपान, कहाँ रखते सानी ।

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