छंद-
सिंधु
मापनी-
1222 1222 1222
पदांत-
वहाँ पर है
समांत-
अर
जहाँ
हो पुस्तकें ईश्वर वहाँ पर है.
जहाँ विश्वास है आदर वहाँ पर है.
जहाँ विश्वास है आदर वहाँ पर है.
युगों
से बच रहे संस्कार इस कारण,
धरोहर पुस्तकों का घर वहाँ पर हैं.
धरोहर पुस्तकों का घर वहाँ पर हैं.
भले
चुप हैं भले हैं बंद पुस्तों में,
मगर इक शांत सा सागर वहाँ पर है.
मगर इक शांत सा सागर वहाँ पर है.
तुझे
मिल जाये’गा हल हर समस्या का,
लिखा मिल जाये’गा उत्तर वहाँ पर है.
लिखा मिल जाये’गा उत्तर वहाँ पर है.
समझ ले तू कि परमेश्वर वहाँ पर है.
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